दाभोलकर हत्याकांड: बेटे की गवाही के दौरान हत्यारोपियों के वकीलों ने दाभोलकर की संस्था के नक्सल से संबंध जोड़ने की कोशिश की, अदालत ने लगाई फटकार

By विशाल कुमार | Published: January 2, 2022 04:20 PM2022-01-02T16:20:29+5:302022-01-02T16:21:54+5:30

अदालत ने पूछताछ के तरीके पर कहा कि वकील द्वारा उल्लेखित समाचार लेख व्यक्तिगत स्तर पर कार्यकर्ता के संदिग्ध नक्सल लिंक को संदर्भित करता है, न कि दाभोलकर की संस्था को। अदालत वकील से अनुरोध करती है कि वह गवाह से इस तरह के सवाल दोबारा न पूछें।

dabholkar murder case court-raps-lawyers-for-quizzing-dabholkars-son-about-naxal-links | दाभोलकर हत्याकांड: बेटे की गवाही के दौरान हत्यारोपियों के वकीलों ने दाभोलकर की संस्था के नक्सल से संबंध जोड़ने की कोशिश की, अदालत ने लगाई फटकार

दाभोलकर हत्याकांड: बेटे की गवाही के दौरान हत्यारोपियों के वकीलों ने दाभोलकर की संस्था के नक्सल से संबंध जोड़ने की कोशिश की, अदालत ने लगाई फटकार

Highlightsबचाव पक्ष ने दाभोलकर के पुत्र हामिद दाभोलकर से जिरह शनिवार को पूरी की।साल 2013 में तर्कवादी और अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी।

मुंबई: साल 2013 में तर्कवादी और अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में पांच आरोपियों के वकील को अदालत ने उस वक्त फटकार लगाई जब उन्होंने दाभोलकर के संगठन अर्धश्रद्धा निर्मूलन समिति (एमएएनएस) का नक्सल से संबंध जोड़ने की कोशिश की।

हालांकि, इस दौरान महाराष्ट्र के पुणे की एक विशेष अदालत में बचाव पक्ष ने उनके पुत्र हामिद दाभोलकर से जिरह शनिवार को पूरी की।

एक एमएएनएस कार्यकर्ता की नक्सलियों से कथित संबंध के मामले में गिरफ्तारी के बारे में 2010 से एक खबर का हवाला देते हुए बचाव पक्ष के वकीलों ने हामिद से पूछा कि क्या एमएएनएस के नक्सल लिंक होने के बारे में आरोप लगाए गए थे। 

इस पर 46 वर्षीय डॉ. हामिद ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। 

हालांकि, अदालत ने पूछताछ के तरीके पर कहा कि वकील द्वारा उल्लेखित समाचार लेख व्यक्तिगत स्तर पर कार्यकर्ता के संदिग्ध नक्सल लिंक को संदर्भित करता है, न कि दाभोलकर की संस्था को।

अदालत ने कहा कि यह एमएएनएस और गवाह को बदनाम करने के प्रयास की तरह लग रहा था और इस तरह इस सवाल को खारिज कर दिया। 

अदालत ने कहा कि विद्वान वकील ने मना करने के बावजूद यह सवाल पूछा था। अदालत वकील से अनुरोध करती है कि वह गवाह से इस तरह के सवाल दोबारा न पूछें।

बता दें कि, नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को सुबह की सैर के दौरान ओंकारेश्वर पुल पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

बचाव पक्ष के वकील प्रकाश सालसिंगिकर ने कहा कि जिरह के दौरान हामिद ने कहा कि उनके पिता ने विभिन्न संगठनों के विरोध का सामना किया। 

हामिद ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्हें सनातन संस्था के मुख्यालय के बारे में जानकारी है, जो उन संगठनों में से एक है जो कथित तौर पर उनके पिता के काम का विरोध कर रहे थे। हामिद ने इससे भी इनकार किया उन्होंने इसके नियमों को पढ़ा था। 

अधिवक्ता सालसिंगिकर ने कहा कि हामिद ने अपने पिता से संबंधित वित्तीय लेनदेन की जानकारी होने से भी इनकार किया। 

सालसिंगिकर ने कहा कि हामिद ने इससे भी इनकार किया कि उन्हें ब्रिटेन के एक कार्ड, संपत्तियों या भूदरगढ़ के एक क्रेडिट सोसायटी के स्टेटमेंट के बारे में पता था। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को होनी है।

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