चक्रवात यास: नुकसान को रोकने के लिए सभी जलयान कोलकाता बंदरगाह के अंदर लाये जाएंगे, बांधे जायेंगे

By भाषा | Updated: May 24, 2021 18:42 IST2021-05-24T18:42:15+5:302021-05-24T18:42:15+5:30

Cyclone Yas: All ships will be brought inside Kolkata port to prevent damage, they will be tied up | चक्रवात यास: नुकसान को रोकने के लिए सभी जलयान कोलकाता बंदरगाह के अंदर लाये जाएंगे, बांधे जायेंगे

चक्रवात यास: नुकसान को रोकने के लिए सभी जलयान कोलकाता बंदरगाह के अंदर लाये जाएंगे, बांधे जायेंगे

नयी दिल्ली, 24 मई चक्रवात ‘यास’ से कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर नुकसान रोकने के लिए सभी जलयान बंदरगाह के अंदर लाये जायेंगे और उन्हें सर्वथा उपयुक्त पद्धतियों के अनुसार मजबूती से बांधा जाएगा।

मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न निम्न दबाव का क्षेत्र सोमवार मजबूत होकर तड़के चक्रवात यास का रूप लिया और अगले 24 घंटे में इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने का अनुमान है।

एक बयान में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (पहले यह कोलकाता बंदरगाह न्यास था) के प्रवक्ता ने कहा कि कोलकाता गोदी प्रणाली और हल्दिया गोदी परिसर में नियंत्रण कक्ष का प्रबंधन समुद्री विभाग, यातायात विभाग और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के हाथों में है।

उन्होंने कहा कि किसी भी जहाज को नदी-लंगर में नहीं रखा जाएगा और बंदरगाह पर सभी जलयानों को अतिरिक्त नौबंध रस्सियों से मजबूती से बांधकर सुरक्षित किया जाएगा तथा सभी मास्टरों को चौकस रहने की सलाह दी गयी है।

उन्होंने कहा कि सभी सर्वेक्षण लांच (सर्वेक्षण में इस्तेमाल आने वाली मोटर नौकाओं) को सुरक्षित स्थान पर चले जाने की सलाह दी गयी है ।

बयान के अनुसार सभी क्रेन, शुष्क गोदियों में जहाज, एवं अन्य जलीय उपरकणों को सुरक्षित रखा जाएगा।

उसमें कहा गया है, ‘‘ पर्याप्त जेनरेटर सेट किराये पर लिये गये हैं और उन्हें रणनीतिक स्थानों पर लगाया गया है। ’’ बयान के अनुसार अहम कर्मियों को वॉकी-टॉकी दिये जाएंगे।

बयान के मुताबिक पर्याप्त कर्मियों से लैस सीआईएसएफ और पीएसओ गश्ती वाहन नियंत्रण कक्ष को प्राथमिक सूचना भेजने के लिए बंदरगाह क्षेत्र में गश्ती करेंगे।

‘यास’ के 26 मई की दोपहर को पारादीप और सागर द्वीपों के बीच होते हुए ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों से गुजरने का अनुमान है। यह एक बहुत ही भीषण चक्रवाती तूफान होगा जिसमें 155-165 किलोमीटर से लेकर 180 किलोमीटर तक प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।

पश्चिम बंगाल और ओड़िशा की सरकारें इस चक्रवात से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रही हैं।

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य एवं केंद्रीय एजेंसियों की तैयारी की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी और अपतटीय क्षेत्र गतिविधियों में लगे लोगों को समय से निकाल लेने का आह्वान किया था।

सशस्त्र बल भी पूरी तरह चौकस हैं और नौसेना ने अपने चार जंगी जहाजों एवं कई विमानों को तैयार रखा है।

अधिकारियों के अनुसार वायुसेना ने मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियानों के लिए 11 मालवाहक विमान एवं 25 हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं।

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Web Title: Cyclone Yas: All ships will be brought inside Kolkata port to prevent damage, they will be tied up

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