Super Cyclone Amphan: कल पीएम मोदी प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, कहा- मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 21, 2020 21:01 IST2020-05-21T20:53:46+5:302020-05-21T21:01:29+5:30

पश्चिम बंगाल, ईस्ट मिदनापुर के कालागाछिया और जहानाबाद गांवों में अम्फान चक्रवात के बाद स्थिति और भयावह हो गई है। लोगों के घरों पर गिरे पेड़ों और बिजली के खंभों ने उनके सिर के ऊपर से छत का सहारा भी छीन लिया।

Cyclone Amphan PM Narendra Modi will travel to West Bengal and Odisha stock situation wake conduct aerial surveys and take part in review meetings | Super Cyclone Amphan: कल पीएम मोदी प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, कहा- मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। (file photo)

Highlightsइस बीच आधिकारिक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।वह हवाई सर्वेक्षण करेंगे और समीक्षा बैठकों में हिस्सा लेंगे, जहां राहत और पुनर्वास के पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।

नई दिल्ली/कोलकता/भुवनेश्वरः पश्चिम बंगाल में प्रचंड चक्रवात ‘अम्फान’ से 72 लोगों की मौत हो गई और दो जिलों में भीषण तबाही हुई है। तूफान से हजारों लोग बेघर हो गए हैं, कई पुल नष्ट हो गए हैं और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।

इस बीच आधिकारिक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात अम्फान के मद्देनजर हुई स्थिति का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा की यात्रा करेंगे। वह हवाई सर्वेक्षण करेंगे और समीक्षा बैठकों में हिस्सा लेंगे, जहां राहत और पुनर्वास के पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चक्रवाती तूफान अम्फान से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। चक्रवात अम्फान के कारण पश्चिम बंगाल में में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई है तथा कई पुलों एवं अन्य इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

तूफान के कारण ओडिशा के कई तटीय जिलों में बिजली एवं दूरसंचार सुविधाओं का नुकसान पहुंचा है पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित जिलों का दौरा करने और तबाह हो गए इलाकों के पुनर्निर्माण के लिए सहायता देने का आग्रह किया। बहरहाल, यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री चक्रवात प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों प्रदेशों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, तो इसपर सूत्रों ने केवल इतना ही कहा कि वह चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेंगे ।

इससे पहले, बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ द्वारा मचाई गई भारी तबाही के दृश्य या मंजर को देखा। उन्होंने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में स्थिति के जल्द से जल्द सामान्य होने की मंगल-कामना की। मोदी ने कहा, ‘‘ मैंने चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ द्वारा पश्चिम बंगाल में मचाई गई तबाही के दृश्य देखा। इस चुनौतीपूर्ण समय में पूरा देश पश्चिम बंगाल के साथ एकजुटता से खड़ा है। राज्य के लोगों की अच्‍छी सेहत एवं खुशहाली की मंगल-कामना करता हूं।

सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास निरंतर जारी हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ‘मेरी संवेदनाएं ओडिशा के लोगों के साथ हैं । राज्य ने चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के प्रतिकूल प्रभावों का सामना बड़ी बहादुरी से किया है। प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारीगण जमीनी स्‍तर के कार्यों में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। मैं कामना करता हूं कि स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाए।’’ उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की टीमें चक्रवाती तूफान प्रभावित इलाकों में काम कर रही हैं। शीर्ष अधिकारी स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की सरकार के साथ भी मिलकर काम कर रहे हैं।

कोलकाता और राज्य के कई अन्य हिस्सों में तबाही के निशान स्पष्ट देखे जा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। पश्चिम बंगाल में सौ साल के अंतराल में आए इस भीषणतम चक्रवाती तूफान ने मिट्टी के घरों को ताश के पत्तों की तरह उड़ा दिया, फसलों को नष्ट कर दिया और पेड़ों तथा बिजली के खंभों को भी उखाड़ फेंका है। इसने ओडिशा में भी भारी तबाही मचाई है जहां तटीय जिलों में विद्युत और दूरसंचार से जुड़ा आधारभूत ढांचा नष्ट हो गया है।

ओडिशा के अधिकारियों के आकलन के अनुसार, चक्रवात से लगभग 44.8 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब तक हमें मिली खबरों के अनुसार, चक्रवात ‘अम्फान’ के चलते 72 लोगों की मौत हुई है। दो जिले-उत्तर और दक्षिण 24 परगना पूरी तरह तबाह हो गए हैं।

हमें उन जिलों का पुनर्निर्माण करना होगा। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करूंगी कि वह राज्य को सभी सहायता उपलब्ध कराए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत जल्द प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी। बहाली कार्य जल्द शुरू होंगे। उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा कोलकाता के एक बड़े हिस्से में कल शाम से बिजली गुल है। यहां तक कि टेलीफोन और मोबाइल फोन सेवाएं भी ठप हैं।’’

मैंने अपने जीवन में ऐसा भीषण चक्रवात और नुकसान कभी नहीं देखा

बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में ऐसा भीषण चक्रवात और नुकसान कभी नहीं देखा। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चक्रवात ‘अम्फान’ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के लिए आने को कहूंगी।’’ मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो से ढाई-ढाई लाख रुपये तक का मुआवजा देने की भी घोषणा की। उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा कोलकाता के अतिरिक्त पूर्वी मिदनापुर और हावड़ा जिले भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जहां कई जगहों पर इमारतें नष्ट हो गई हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि मृतकों की सही संख्या बता पाना या संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन कर पाना अभी संभव नहीं है क्योंकि सर्वाधिक प्रभावित इलाकों तक पहुंचना अभी मुश्किल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के कारण पश्चिम बंगाल में नुकसान के दृश्य को देखा है। यह चुनौतीपूर्ण समय है, पूरा देश पश्चिम बंगाल के साथ एकजुट होकर खड़ा है।

राज्य के लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। स्थिति सामान्य करने के लिए प्रयास जारी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ शीर्ष अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करीबी समन्वय में काम भी कर रहे हैं। प्रभावित लोगों की मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।’’

मोदी ने कहा, राज्य के लोगों की कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना कर रहा हूं

मोदी ने कहा, ‘‘राज्य के लोगों की कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। स्थिति सामान्य करने के लिए प्रयास जारी हैं।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी संवेदनाएं ओडिशा के लोगों के साथ भी हैं, जहां राज्य चक्रवात के प्रभाव से बहादुरी से मुकाबला कर रहा है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की और उन्हें स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

कोलकाता में 125 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चली हवाओं की वजह से अनेक कार पलट गईं, पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए जिससे जगह-जगह सड़कें अवरुद्ध हो गईं। कोलकाता और अन्य जिलों के अनेक हिस्सों में बिजली नहीं है। संचार टॉवरों के नष्ट हो जाने से टेलीफोन और मोबाइल फोन सेवाएं भी ठप हो गई हैं। लोगों ने छह घंटे तक चलीं भीषण हवाओं से हुए नुकसान का जिक्र किया। तूफान से मकानों की खिड़कियां टूट गईं, एअरकंडीशननर ताश के पत्तों की तरह उड़ गए।

जलमग्न सड़कों पर अनेक कार तैरती दिखीं। तीस मंजिला इमारत की पांचवीं मंजिल पर रहने वाले मीठू चटर्जी ने बताया कि कल छह घंटे बेहद डरावने थे। ऊपर की मंजिलों पर रहनेवाले लोग नीचे आना चाहते थे, लेकिन लिफ्ट ठप हो गई थीं। चक्रवात कमजोर होकर बांग्लादेश की ओर बढ़ गया है जहां इससे 10 लोगों की मौत हुई है। मंगलवार की रात से राज्य सचिवालय से स्थिति पर नजर रख रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ‘अम्फान’ का असर ‘‘कोरोना वायरस से ज्यादा भीषण है।’’ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख के हवाले से पूर्व में एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘स्थिति बहुत गंभीर है। हम आपदा की स्थिति में हैं।’’ बनर्जी ने सर्वाधिक प्रभावित जिलों की स्थिति के बारे में कहा, ‘‘कोई पुल नहीं बचा है।

पांच लाख लोगों को तूफान की वजह से पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था

विद्युत आपूर्ति लाइन पूरी तरह ठप हो गई है।’’ प्रभावित जिलों में आश्रय केंद्रों में लोग कोरोना वायरस की वजह से दिए गए भौतिक दूरी बनाए रखने के परामर्श को भूलकर भोजन के लिए धक्का-मुक्की करते दिखे। राज्य सरकार ने पांच लाख लोगों को तूफान की वजह से पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। दक्षिणी कोलकाता के रासबिहारी क्षेत्र निवासी सुधीर चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘यह वह शहर नहीं है जहां मैं पला-बढ़ा...यह नष्ट हुआ प्रतीत होता है...मैं विश्वास नहीं कर सकता कि यह मेरा कोलकाता है।’’

भारी बारिश और 190 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं के साथ चक्रवात बुधवार को भारी तबाही मचाते हुए पश्चिम बंगाल के तटीय उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों तथा ओडिशा से होकर गुजरा। दिल्ली में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक में पश्चिम बंगाल और ओडिशा में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गई तथा कहा गया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के सटीक पूर्वानुमान और समय पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों की तैनाती से कम से कम नुकसान हुआ है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनसीएमसी को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के मुख्य सचिवों ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के सटीक पूर्वानुमान और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों की समय पर तैनाती से पश्चिम बंगाल में लगभग पांच लाख और ओडिशा में लगभग दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद मिली। दिल्ली में एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इससे कम से कम जनहानि हुई। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल पश्चिम बंगाल, खासकर कोलकाता में बहाली कार्य को गति देने के लिए राज्य में अतिरिक्त टीम भेज रहा है।

भारतीय खाद्य निगम पश्चिम बंगाल के लिए पर्याप्त मात्रा में अनाज, खासकर चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, जिससे कि प्रभावित लोगों को तत्काल मदद मिल सके। बिजली मंत्रालय और दूरसंचार विभाग भी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सेवाओं की जल्द बाहाली में मदद करेंगे। बयान में कहा गया कि रेलवे जल्द से जल्द अपना परिचालन शुरू करने की प्रक्रिया में है जिसके बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सूचना दी कि प्रभावित इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान फसलों, बिजली और दूरसंचार सुविधाओं को पहुंचा है।

ओडिशा ने सूचना दी कि उसके यहां नुकसान मुख्यत: फसलों का हुआ है। कोलकाता में सेंट्रल एवेन्यू में बरगद के पेड़ के नीचे स्थित एक छोटा मंदिर नष्ट हो गया। अधिकारियों के अनुसार शहर और राज्य में एक हजार से अधिक मोबाइल टॉवर नष्ट हो गए हैं। यूनेस्को की सूची में शामिल सुंदरवन डेल्टा के तटबंधों को पार कर पानी ने कई किलोमीटर के क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। दक्षिण 24 परगना में बुधवार की रात तूफान की वजह से चार जेटी भी नष्ट हो गईं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल की टीम पेड़ों और खंभों के गिरने से अवरुद्ध सड़कों को सुचारू करने में युद्धस्तर पर जुटी हैं।

इनपुट भाषा के साथ

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