लाइव न्यूज़ :

सीडब्ल्यूसी ने व्हाट्सएप बातचीत मामले की जेपीसी जांच की मांग की

By भाषा | Updated: January 22, 2021 16:27 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 22 जनवरी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ एवं सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराई जानी चाहिए।

सीडब्ल्यूसी की बैठक में व्हाट्सएप बातचीत मामले, कृषि कानूनों और कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के मुद्दों को लेकर तीन अलग-अलग प्रस्ताव पारित किए गए।

कांग्रेस कार्य समिति ने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और कोरोना वायरस के टीके लगवा रहे स्वास्थ्यकर्मियों की चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक उपाय करने एवं टीके के नाम पर ‘मुनाफाखोरी’ किसी भी प्रयास को रोकने का आग्रह किया।

व्हाट्सएप बातचीत मामले को लेकर प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘कांग्रेस कार्यसमिति देश की सुरक्षा से खिलवाड़ को उजागर करने वाली षडयंत्रकारी बातचीत के हाल में हुए खुलासों पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है। यह स्पष्ट है कि इसमें शामिल लोगों में मोदी सरकार में सर्वोच्च पदों पर आसीन लोग शामिल हैं और इस मामले में महत्वपूर्ण व संवेदनशील सैन्य अभियानों की गोपनीयता का घोर उल्लंघन हुआ है।’’

कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई ने दावा किया, ‘‘इस सनसनीखेज खुलासे में सरकारी मामलों की गोपनीयता तथा पूरे सरकारी ढांचे को मिलीभगत से कमजोर करने, सरकारी नीतियों पर बाहरी व अनैतिक तरीके से दबाव बनाने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कुत्सित हमले के अक्षम्य अपराधों की जानकारी प्रथम दृष्टि से सामने आई है।’’

उसने कहा, ‘‘इन खुलासों के कई दिन बाद भी प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी चुप्पी, उनकी मिलीभगत, अपराध में साझेदारी एवं प्रथम दृष्टि से दोषी होने का सबूत है।’’

सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘‘हम देश की सुरक्षा से खिलवाड़, सरकारी गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन एवं उच्चतम पदों पर बैठे इसमें शामिल लोगों की भूमिका की तय समय सीमा में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जाँच कराए जाने की मांग करते हैं। जो लोग राजद्रोह के दोषी हैं, उन्हें कानून के सामने लाया जाना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए।’’

कृषि कानूनों और किसान आंदोलन का हवाला देते हुए कांग्रेस कार्य समिति ने आरोप लगाया कि तीनों कानून राज्यों के संवैधानिक अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं और देश में दशकों से स्थापित खाद्य सुरक्षा के तीन स्तंभों- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), सरकारी खरीद एवं राशन प्रणाली यानी पीडीएस को खत्म करने वाले हैं।

उसने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इन तीन कृषि कानूनों की संसदीय समीक्षा तक नहीं की गई और विपक्ष की आवाज को दबाकर उन्हें जबरदस्ती थोप दिया गया। खासकर, राज्यसभा में इन तीनों कानूनों को ध्वनि मत द्वारा अप्रत्याशित तरीके से पारित कराया गया, क्योंकि सदन में सरकार के पास जरूरी बहुमत नहीं था।’’

सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘‘इन तीनों कानूनों को लागू करने से देश का हर नागरिक प्रभावित होगा क्योंकि खाने-पीने की हर चीज की कीमत का निर्धारण मुट्ठीभर लोगों के हाथ में होगा। एक समावेशी भारत में इसे कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता। सरकार को सच्चाई जान लेनी चाहिए कि भारत का किसान न तो झुकेगा और न ही पीछे हटेगा।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि संसद के आगामी सत्र में पार्टी समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर ‘किसान विरोधी कानूनों’ का विरोध करेगी और सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह इन कानूनों को निरस्त करे।

सीडब्ल्यूसी ने देश में कोरोना के टीके विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की और यह भी कहा, ‘‘यह चिंता का विषय है कि भारत में वंचितों, शोषितों एवं हाशिये पर रहने वाले लोगों, खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्गों एवं गरीबों को कोरोना का टीका निश्चित समय सीमा में बिना किसी शुल्क के लगाए जाने की जरूरत के बारे में सरकार की कोई नीति, तैयारी व समय सीमा नहीं है।’’

उसने कहा, ‘‘सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक कंपनियां अब कोरोना का टीका खुले बाजार में एक व्यक्ति के लिए जरूरी दो खुराकों के लिए 2000 रुपये में बेचेंगी। विपत्ति के समय इस तरह से मुनाफाखोरी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सरकार को इस मामले में सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट नीति की घोषणा करनी होगी।’’

कांग्रेस कार्य समिति ने कहा, ‘‘हम सरकार से मांग करते हैं कि वह कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए पहली पंक्ति में खड़े स्वास्थ्यकर्मियों की चिंताओं को दूर करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करे। यह भ्रम व चिंता प्रधानमंत्री की छवि का प्रचार प्रसार करने के लिए कोरोना टीके की नियमन प्रक्रिया के व्यापक राजनीतिकरण का नतीजा है।’’

उसने यह भी कहा, ‘‘सीडब्ल्यूसी का मानना है कि टीकाकरण का कार्यक्रम इस तरह से संचालित होना चाहिए, जिससे जनता का भरोसा एवं विश्वास मजबूत हो। पहली पंक्ति में खड़े स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा, राज्य सरकारों को उनके राज्यों में टीका लगवाने वालों का विशेष क्रम निर्धारित करने का विकल्प दिया जाना चाहिए, जिससे टीकाकरण का कार्यक्रम तीव्र व प्रभावशाली तरीके से आगे बढ़ सके।’’

सीडब्ल्यूसी ने लोगों से आग्रह किया कि वे बिना किसी संकोच के आगे आएं और कोरोना का टीका लगवाएं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतटीएमसी सांसद ने PM मोदी द्वारा बंकिम चंद्र को ‘बाबू’ की जगह ‘दा’ कहने पर जताई आपत्ति, प्रधानमंत्री को भाषण के बीच में रोका, VIDEO

भारतपहले LOC पर आग लगाओ, बारूदी सुरंगें नष्ट करो, फिर आतंकियों को धकेलने का रास्ता बनाओ: घुसपैठ के लिए पाक सेना के नए हथकंडे

भारतमुकदमों की अंबार से दबी बिहार की अदालतें, 36 लाख से अधिक लंबित मुकदमों के कारण समय पर नहीं मिल पा रहा है लोगों को न्याय

क्रिकेटIND Vs SA 1st T20I: विराट कोहली के नक्शेकदम पर चले हार्दिक पांड्या, सोलो प्रैक्टिस के लिए कटक जल्दी पहुंचे

कारोबारGold Rate Today: महंगा हुआ सोना, जानें 8 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

भारत अधिक खबरें

भारतजन संस्कृतिक मंचः 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती, 15 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन 

भारतNCERT की कक्षा 7वीं की अपडेटेड टेक्स्टबुक में गजनी की क्रूरता शामिल

भारत500 करोड़ रुपये का सूटकेस दो और सीएम बनो?, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर के बयान पर शिवकुमार ने कहा- ‘पागलों के किसी अस्पताल’ में भर्ती हो?

भारतजब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था?, पीएम मोदी ने कहा-संविधान का गला घोंट दिया गया था, वीडियो

भारत‘अंग्रेजों ने बांटो और राज करो का रास्ता चुना’, लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा-आजादी की लड़ाई, मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी, वीडियो