राष्ट्रपति चुनाव से पहले यूपी विपक्ष में दरार, राजभर को अखिलेश से 'तलाक' का इंतजार!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 9, 2022 08:21 AM2022-07-09T08:21:38+5:302022-07-09T08:36:56+5:30
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा में बीजद ने उन्हें समर्थन दिया, झारखंड में समर्थन मिल रहा है, आंध्र और पंजाब में दलीय सीमा टूटी तो उत्तर प्रदेश में भी जरूर टूटेगी।
लखनऊः राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) में दरार आ चुकी है। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने तो साफ ही कर दिया है कि उन्हें सपा प्रमुख अखिलेश यादव से तलाक का इंतजार है। इस दरार के बीच शुक्रवार शाम को लखनऊ में एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भाग लिया।
विपक्षी नेताओं के शामिल होने में सिर्फ राजभर ही नहीं थे बल्कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह और बहुजन समाज पार्टी के विधायक उमाशंकर सिंह भी शामिल हुए। राजग के मंत्रियों और विधायकों के साथ इन विधायकों की उपस्थिति महत्व रखती है क्योंकि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाला विपक्षी खेमा राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहा है।
अखिलेश यादव ने यशवंत सिन्हा के साथ गुरुवार को किए प्रेस वार्ता में ओमप्रकाश राजभर को आमंत्रित नहीं किया था। राजभर ने मीडिया से कहा कि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था। राजभर ने शुक्रवार को मऊ में बैठक की और कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं से विमर्श कर राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में 12 जुलाई को अपने पत्ते खोलेंगे। हालांकि आदित्यनाथ द्वारा आयोजित रात्रिभोज में उनकी मौजूदगी ने राजग उम्मीदवार के प्रति उनके झुकाव को साफ कर दिया है। वहीं शिवपाल यादव के कदम को भी इस लिहाज से अहम माना जा रहा है। शिवपाल भी विधानसभा के सदस्य हैं।
राजभर ने सपा से बढ़ती तल्खी की खबरों के बीच कहा कि उन्हें अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है, लेकिन वह स्वयं सपा से गठबंधन तोड़ने की पहल नहीं करेंगे। सुभासपा और सपा के बीच तल्खी बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की पत्रकार वार्ता में भी नजर आयी थी क्योंकि सपा ने इस पत्रकार वार्ता में गठबंधन के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत सिंह को तो बुलाया था; लेकिन सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नजर नहीं आयें थे।
मऊ जिले में पार्टी की एक बैठक में सम्मिलित होने जा रहे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजभर ने शुक्रवार को बातचीत में स्पष्ट किया कि वह सपा से गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे। उन्होंने सपा से तल्खी को लेकर मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘उन्हें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह अब भी सपा के साथ हैं। अखिलेश यादव यदि उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे, तो वह सपा के साथ जबरदस्ती नहीं रहेंगे।’’
उत्तर प्रदेश विधानसभा में राजभर की पार्टी के छह विधायक हैं। यूपी में हुए हालिया विधानसभा चुनाव उन्होंने सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में लड़ा था। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में सहयोगी दलों समेत भाजपा के 273 सदस्य हैं जबकि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्य है। इसके पहले लोक भवन में हुई बैठक में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में मुर्मू का स्वागत किया। भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, योगी ने अपने संबोधन में कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए जनजातीय समाज की एक महिला को उतारने को न केवल राजग के घटक दलों ने सकारात्मक भाव के साथ स्वीकार किया है, बल्कि दलीय सीमाएं टूटती हुई दिख रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा में बीजद ने उन्हें समर्थन दिया, झारखंड में समर्थन मिल रहा है, आंध्र और पंजाब में दलीय सीमा टूटी तो उत्तर प्रदेश में भी जरूर टूटेगी। उन्होंने कहा, “विधायक और मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का मुर्मू जी ने जिस प्रतिबद्धता के साथ निर्वाह किया उसकी सर्वत्र सराहना होती है। वह कभी मूल्यों से विचलित नहीं हुईं।” योगी ने कहा, “जनजातीय समाज के उत्थान में समर्पित उनका जीवन अनुकरणीय रहा है। राज्यपाल के रूप में झारखंड का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने जो अनुकरणीय कार्य प्रस्तुत किया उसके फलस्वरूप आज सर्वसम्मति से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए द्रौपदी मुर्मू जी का नाम तय हुआ है।”
इस दौरान आदित्यनाथ के अलावा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, अपना दल (एस) के नेता व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल व आशीष पटेल और निषाद पार्टी के नेता डॉ. संजय निषाद सहित अन्य वरिष्ठ नेता राजग प्रत्याशी के साथ मौजूद रहे। भाजपा सूत्रों के अनुसार सभी विधायकों को सजग किया गया कि एक भी वोट बेकार न जाए और 16 जुलाई को भी सभी लोग लखनऊ पहुंच जाएं।
वहीं अपने संबोधन में यूपी के गौरवशाली अतीत की चर्चा करते हुए मुर्मू ने कहा कि ''जनजातीय समाज में जन्म लेने वाली एक महिला आज आपके सामने समर्थन मांगने आई है। मैंने अभाव के बावजूद अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर उच्च शिक्षा प्राप्त की। कमजोर वंचित तबके और जनजातीय समाज के लिए आजीवन मैंने कार्य किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी का समर्थन मुझे प्राप्त होगा।''
भाषा इनपुट के साथ