CPI ने जारी की सात उम्मीदवारों की लिस्ट, असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल इन सीटों पर उतारे उम्मीदवार
By रामदीप मिश्रा | Published: March 19, 2019 06:27 PM2019-03-19T18:27:50+5:302019-03-19T18:27:50+5:30
भाकपा महासचिव सुरवरम सुधाकर रेड्डी कह चुके हैं कि पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे के मुद्दे पर वाम मोर्चा कांग्रेस की अनुचित मांग स्वीकार नहीं कर सकता और ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पार्टियां राज्य में लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने सोमवार (19 मार्च) को सात लोकसभा सीटों के लिए लिस्ट जारी कर दी है। इसमें उसने दो असम, दो तमिलनाडु और तीन पश्चिम बंगाल की लोकसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। असम में जोरहाट लोकसभा सीट पर कनक गोगोई को और नॉर्थ लकीमपुर सीट से अरुप कालिता को मैदान में उतारा है।
भाकपा ने तमिलनाडु में तिरुप्पर लोकसभा सीट पर के. सुब्बरायण और नागपट्टिनम सीट पर एम सेल्वाराज का नाम घोषित किया है। वहीं पश्चिम बंगाल की तीन लोकसभा सीटों में बसीरहाट से पल्लब सेन गुप्ता, घटल से तपन गांगुली और मिदनापुर से बिप्लब भट्ट को मैदान में उतारा है।
Communist Party of India (CPI) announces list of 7 candidates for the upcoming Lok Sabha elections in Tamil Nadu, Assam and West Bengal. pic.twitter.com/BSheu5zZxK
— ANI (@ANI) March 19, 2019
इधर, भाकपा महासचिव सुरवरम सुधाकर रेड्डी कह चुके हैं कि पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे के मुद्दे पर वाम मोर्चा कांग्रेस की अनुचित मांग स्वीकार नहीं कर सकता और ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पार्टियां राज्य में लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं।
रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस 17 सीटों की मांग कर रही। वाम मोर्चा ने उन्हें 12 सीटों की पेशकश की। वे पांच और सीटें मांग रहे, जो वाम मोर्चा की सीटें हैं। यह (अनुचित) है। इनमें से कुछ सीटों पर उन्हें (पहले के चुनावों में) दो से तीन प्रतिशत ही मत मिले हैं। पश्चिम बंगाल की बसीरहाट लोकसभा सीट पर भाकपा को पहले के चुनाव में चार लाख और कांग्रेस को एक लाख मत मिले थे। लेकिन, फिर भी उनकी मांग है कि ये सीटें उन्हें दे दी जाये। इस तरह की मांग को वाम मोर्चा स्वीकार नहीं कर सकता।
वाम मोर्चा के सीट बंटवारा फार्मूला के अनुसार, माकपा 22 सीटों पर, भाकपा और एआईएफबी तीन-तीन सीटों पर, आरएसपी दो सीटों पर और शेष 12 सीटों पर कांग्रेस को चुनाव लड़ना था। लेकिन अब कांग्रेस के अकेले ही चुनाव लड़ने के फैसले के बाद वाम मोर्चा 42 सीटों पर सहयोगियों के साथ सीट बंटवारा के मुद्दे पर विचार करेगा।