कोविड का खतराः कश्मीरी बोले, स्कूलों में कोरोना का खतरा, ट्यूलिप गार्डन और पर्यटनस्थलों पर जुटने वाली भीड़ के लिए क्यों नहीं...
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 6, 2021 16:09 IST2021-04-06T16:08:27+5:302021-04-06T16:09:55+5:30
केंद्र ने एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोविड-19 का टीका लगवाने की अनुमति दी है।

मास्क भी बहुत कम लोग पहने दिखाई देते हैं।
जम्मूः प्रदेश प्रशासन द्वारा कोरोना को खतरा बता स्कूलों को दो हफ्तों के लिए बंद करने के दिए गए निर्देशों के बाद कश्मीरी गुस्से में हैं।
उनका गुस्सा पर्यटकों की उन फोटो को देख कर भी उबाल खा रहा है जो उनके द्वारा ट्यूलिप गार्डन में बिना मास्क के खिंचवाए जा रहे हैं। ऐसे में कश्मीरियों का सबसे बड़ सवाल था कि आखिर कोरोना का खतरा सिर्फ स्कूलों पर ही क्यों मंडराया, ट्यूलिप गार्डन और अन्य पर्यटनस्थलों पर जुट रही भीड़ पर क्यों नहीं।
हालत यह है कि जम्मू कश्मीर में स्कूलों को बंद करने को लेकर जारी किये गए निर्देश ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्या केवल स्कूलों को बंद करने से कोरोना महामारी को फैलने से रोका जा सकता है, क्या पर्यटन स्थलों पर कोरोना नहीं फैलेगा। स्थानीय लोग बड़ी संख्या में जम्मू कश्मीर में पर्यटकों की आमद को लेकर चिंतित हैं।
ट्यूलिप गार्डन में ही रोजाना 5000 से ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। यहां न कहीं सोशल डिस्टेंसिंग देखने को मिलती है और न ही एसओपी का पालन हो रहा है। मास्क भी बहुत कम लोग पहने दिखाई देते हैं। श्रीनगर उपायुक्त ऐजाज असद ने कहा कि लोगों द्वारा उठाई गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है।
जबकि वे इसके प्रति कोई उत्तर नहीं देते थे कि लोगों की चिंता पर्यटनस्थल भी हैं और उन्हें बंद क्यों नहीं किया जा रहा। प्रशासन के अनुसार पूरी कोशिश की जा रही है कि एसओपी को लागू कराया जाए। इसके लिए प्रशासन ने एक हिफाजत प्रोग्राम भी शुरू किया है, जिससे लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पर स्कूलों को बंद करने के निर्देश के बाद सामने आई ट्यूलिप गार्डन की तस्वीरों ने लोगों को सवाल पूछने पर मजबूर कर दिया है।