Coronavirus: रक्षाबंधन पर मिठाई उद्योग को लग सकती है 5,000 करोड़ रुपये की चपत

By भाषा | Published: August 2, 2020 03:45 PM2020-08-02T15:45:18+5:302020-08-02T15:45:18+5:30

कोविड-19 के प्रकोप ने मिठाइयों का कारोबार फीका कर दिया है। महामारी की मार के साथ ही अलग-अलग राज्यों में प्रशासन के कथित कुप्रबंधन के कारण रक्षाबंधन पर मिठाइयों की बिक्री घटकर आधी रह जाने का अनुमान है।

covid-19 Rakshabandhan may get sweet industry worth Rs 5,000 crore | Coronavirus: रक्षाबंधन पर मिठाई उद्योग को लग सकती है 5,000 करोड़ रुपये की चपत

रक्षाबंधन पर मिठाई उद्योग को लग सकती है 5,000 करोड़ रुपये की चपत

Highlightsभाई-बहन के पवित्र रिश्ते के त्योहार रक्षाबंधन की कल्पना मिठाइयों के बिना नहीं की जा सकती। इस बार कोविड-19 के प्रकोप ने मिठाइयों का कारोबार फीका कर दिया है।

 इंदौर: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के त्योहार रक्षाबंधन की कल्पना मिठाइयों के बिना नहीं की जा सकती। लेकिन इस बार कोविड-19 के प्रकोप ने मिठाइयों का कारोबार फीका कर दिया है। मिठाई निर्माताओं के एक राष्ट्रीय महासंघ का कहना है कि ग्राहकों की जेब पर महामारी की मार के साथ ही अलग-अलग राज्यों में प्रशासन के कथित कुप्रबंधन के कारण रक्षाबंधन पर मिठाइयों की बिक्री घटकर आधी रह जाने का अनुमान है।

इससे मिठाई उद्योग को करीब 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ सकता है। फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चरर्स के निदेशक फिरोज एच. नकवी ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "पिछले साल रक्षाबंधन के मौके पर देशभर में करीब 10,000 करोड़ रुपये की मिठाइयां बिकी थीं। लेकिन इस बार यह आंकड़ा 5,000 करोड़ रुपये के आस-पास सिमट जाने का अनुमान है।

" नकवी ने कहा, "कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक संकट के कारण ग्राहकों की खरीद क्षमता पर तो पहले से ही असर पड़ रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के कई जिलों में रक्षाबंधन (सोमवार) से ठीक पहले पड़ने वाले शनिवार और रविवार को मिठाइयों की दुकानें खोलेने की अनुमति मिलने को लेकर अंतिम पलों तक भारी असमंजस बना रहा। नतीजतन त्योहारी मांग के मुताबिक मिठाइयों का पर्याप्त निर्माण और स्टॉक नहीं किया जा सका।

" उन्होंने कहा, "रक्षाबंधन पर इस सरकारी कुप्रबंधन के कारण मिठाई उद्योग पर महामारी की मार बढ़ गयी, जबकि दुकानें खोलने की मंजूरी के बारे में प्रशासन द्वारा समय पर निर्णय लेकर इसे कम किया जा सकता था।" नकवी ने मोटे अनुमान के हवाले से बताया कि रक्षाबंधन से जन्माष्टमी के बीच होने वाला मिठाई कारोबार सालभर में इसकी कुल त्योहारी बिक्री का करीब 25 फीसद होता है।

उन्होंने मांग की कि देशभर में प्रशासन अपनी भूल सुधारते हुए समय पर अग्रिम योजना घोषित करे कि आने वाले त्योहारों पर मिठाइयों की दुकानें कब खुली रहेंगी, ताकि इनके निर्माता पहले से इसके मुताबिक तैयारी कर सकें। इस बीच, मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में मशहूर इंदौर के जिला प्रशासन ने रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर राज्य सरकार से मिले निर्देशों का हवाला देते हुए शनिवार देर रात जारी आदेश में कहा कि रविवार को केवल राखी, मिठाई-नमकीन और पूजन सामग्री की दुकानें खोली जा सकती हैं।

बहरहाल, महज तीन दिन पहले बुधवार को जारी आदेश में प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार के निर्देशों के मुताबिक जिले में दो अगस्त को रविवार का कर्फ्यू लागू रहेगा और आम कारोबारी गतिविधियों को मंजूरी नहीं दी जाएगी। गौरतलब है कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए रविवार को राज्यभर में लॉकडाउन रहता है। लेकिन रक्षाबंधन के मद्देनजर स्थानीय नेता लगातार मांग कर रहे थे कि इंदौर में इस रविवार को त्योहारी जरूरतों से जुड़ी दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए। 

Web Title: covid-19 Rakshabandhan may get sweet industry worth Rs 5,000 crore

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