न्यायालय ने हत्या मामले में दोषसिद्धि को बरकरार रखा, शरलॉक होम्स के कथन का दिया हवाला

By भाषा | Updated: July 6, 2021 17:21 IST2021-07-06T17:21:12+5:302021-07-06T17:21:12+5:30

Court upholds conviction in murder case, cites Sherlock Holmes statement | न्यायालय ने हत्या मामले में दोषसिद्धि को बरकरार रखा, शरलॉक होम्स के कथन का दिया हवाला

न्यायालय ने हत्या मामले में दोषसिद्धि को बरकरार रखा, शरलॉक होम्स के कथन का दिया हवाला

नयी दिल्ली, छह जुलाई उच्चतम न्यायालय ने शरलॉक होम्स के कथन ‘आप देखते हैं लेकिन आप ध्यान नहीं देते ’ को उद्धृत करते हुए हत्या के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराए जाने और उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया।

शीर्ष अदालत ने ‘एमिकस क्यूरी’ की इस दलील को खारिज कर दिया कि चार चश्मदीद गवाहों के लिए रात में हत्या करने वाले व्यक्ति का चेहरा देखना संभव नहीं था। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘हमें उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं लगता है। इसके अनुसार विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।’’

सुनवाई के दौरान मामले में ‘एमिकस क्यूरी’ नियुक्त किए गए अधिवक्ता पीयूष कांति रॉय ने कहा कि सुनसान जगह और अंधेरी रात थी और मामले के चार चश्मदीद गवाह याचिकाकर्ता का चेहरा नहीं देख सकते थे। इस पर न्यायमूर्ति नरीमन ने, ‘‘यह ऐसा है जैसे शरलॉक होम्स ने डॉ वाटसन से कहा, ‘आप देखते हैं, लेकिन आप ध्यान नहीं देते।'’’

रॉय ने कहा कि उनका एकमात्र प्रयास यह है कि एक निर्दोष को उस अपराध के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए जो उसने नहीं किया है। इस पर पीठ ने रॉय से कहा, ‘‘आप ऐसी चीज पर चर्चा कर रहे हैं जिस पर पहले ही बहस हो चुकी है। आपने एमिकस क्यूरी से बढ़कर ड्यूटी निभायी है। सब चीजें स्पष्ट है।’’

शीर्ष अदालत मुकेश द्वारा दाखिल अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की थी। निचली अदालत ने मुकेश को अपने गांव के गोपाल लाल की 18 जुलाई 2012 को हत्या के लिए दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा दी थी। राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर जेल में बंद मुकेश की याचिका खारिज कर दी थी।

मुकेश ने अपनी अपील में दलील दी कि उसे मामले में गलत तरीके से फंसाया गया और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत कोई मामला नहीं बनता। अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 जुलाई 2012 को बाबूलाल ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका छोटा भाई 18 जुलाई 2012 को रात करीब 10-11 बजे भानपुर से अपने गांव आ रहा था, तभी ग्रामीणों ने उसे सूचना दी कि गोपाल लाल को तीन लोगों ने पीटा था। बाबूलाल ने कहा कि जब वह ग्रामीणों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि तीन लोगों ने उनके भाई को पहले ही चाकू से मार डाला था।

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Web Title: Court upholds conviction in murder case, cites Sherlock Holmes statement

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