अदालत ने कोविड से मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को अनुग्रह राशि के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा
By भाषा | Updated: December 17, 2021 20:21 IST2021-12-17T20:21:03+5:302021-12-17T20:21:03+5:30

अदालत ने कोविड से मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को अनुग्रह राशि के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा
प्रयागराज, 17 दिसंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार से उस रिट याचिका पर जवाब देने को कहा जिसमें कोरोना काल में चुनाव ड्यूटी की तिथि से 30 दिन के भीतर जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को अनुग्रह राशि के भुगतान संबंधी सरकारी आदेश को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की पीठ ने हापुड़ निवासी सुभाष चंद्र की याचिका पर सरकार से जवाब देने को कहा।
याचिकाकर्ता का अनुग्रह राशि के लिए दावा यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि उसकी पत्नी की मृत्यु चुनाव ड्यूटी से 30 दिन के बाद हुई।
मामले में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एक जून, 2021 के सरकारी आदेश में उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होकर मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि इस सरकारी आदेश का उपबंध-12 मनमाना और भेदभावपूर्ण है क्योंकि यह 30 दिनों की बंदिश लगाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति 20 दिनों के भीतर या 40 दिनों के बाद मर सकता है जो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और उसकी इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है।
मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता का दावा यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि उसकी पत्नी की चुनाव में ड्यूटी 29 अप्रैल, 2021 को लगाई गई थी, जबकि उनकी मृत्यु दो जून, 2021 को हुई जोकि सरकारी आदेश के मुताबिक 30 दिन के बाद है।
अदालत इस मामले में अगली सुनवाई फरवरी, 2022 में करेगी।
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