सभी उत्पादों पर शाकाहारी, मांसाहारी का लेबल लगाने संबंधी याचिका पर अदालत ने केंद्र से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: November 11, 2021 19:11 IST2021-11-11T19:11:51+5:302021-11-11T19:11:51+5:30

Court seeks response from Center on plea to label all products as vegetarian, non-vegetarian | सभी उत्पादों पर शाकाहारी, मांसाहारी का लेबल लगाने संबंधी याचिका पर अदालत ने केंद्र से जवाब मांगा

सभी उत्पादों पर शाकाहारी, मांसाहारी का लेबल लगाने संबंधी याचिका पर अदालत ने केंद्र से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 11 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने घरेलू उपकरणों और परिधानों सहित जनता द्वारा उपयोग की जाने वाली सभी वस्तुओं पर उनकी निर्माण प्रक्रिया में उपयोग की गई सामग्री के आधार पर'शाकाहारी’ या ‘मांसाहारी’ का लेबल लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र का अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

यह याचिका राम गौ रक्षा दल नामक न्यास ने दायर की है। यह न्यास गायों के कल्याण के लिए काम करता है। याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया है कि कई ऐसी वस्तुएं और सामग्रियां हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग की जाती हैं, लेकिन उपयोगकर्ता को यह नहीं पता होता कि वे जानवरों से प्राप्त होती हैं।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने टिप्पणी की कि सभी को जानकारी होने और अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है। उसने केंद्र सरकार से कहा कि इस याचिका की ‘‘गंभीरता से समीक्षा’’ की जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि हर व्यक्ति को जानने का अधिकार है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से पैदा होता है। याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे का किसी व्यक्ति के जीवन के अधिकार पर उतना ही प्रभाव पड़ता है जितना कि व्यक्ति को अपनी मान्यताओं को मानने और उसका पालन करने का अधिकार है।’’

अदालत ने कहा कि आदेश की एक प्रति स्वास्थ्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालयों के संबंधित सचिवों को दी जाए, ताकि वे इस पर विचार कर सकें। अदालत ने निर्देश दिया कि तीन सप्ताह में जवाब दाखिल किया जाए।

याचिकाकर्ता के वकील रजत अनेजा ने अदालत से कहा कि सफेद चीनी की पालिश या उसके शोधन के लिए अस्थि चारकोल या प्राकृतिक कार्बन का उपयोग होता है जो शाकाहार का पालन करने वाले व्यक्तियों के उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है। यही नहीं, बोन चाइना के उत्पाद और क्रेयॉन में भी पशुओं के अंश होते हैं।

याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि उसका मकसद किसी उत्पाद पर प्रतिबंध लगवाना नहीं बल्कि ‘‘केवल सच्चाई जानना है’’।

केन्द की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि यह याचिका एक सही मुद्दे के बारे में है।

इस मामले में अब नौ दिसंबर को आगे सुनवाई होगी।

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Web Title: Court seeks response from Center on plea to label all products as vegetarian, non-vegetarian

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