बकरीद पर कुर्बानी वाले पशुओं की संख्या सीमित करने के बीएमसी के फैसले में दखल से अदालत का इनकार

By भाषा | Published: July 20, 2021 03:34 PM2021-07-20T15:34:36+5:302021-07-20T15:34:36+5:30

Court refuses to interfere in BMC's decision to limit number of animals sacrificed on Bakrid | बकरीद पर कुर्बानी वाले पशुओं की संख्या सीमित करने के बीएमसी के फैसले में दखल से अदालत का इनकार

बकरीद पर कुर्बानी वाले पशुओं की संख्या सीमित करने के बीएमसी के फैसले में दखल से अदालत का इनकार

मुंबई, 20 जुलाई बंबई उच्च न्यायालय ने बकरीद पर शहर के देवनार बूचड़खाने में कुर्बानी दिए जाने वाले पशुओं की संख्या सीमित करने के बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के फैसले में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी ने कहा कि राज्य प्रशासन ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर यह पाबंदी लगाई है।

पीठ याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कहा गया है बीएमसी को अगले तीन दिनों में बूचड़खाने में कुर्बानी दिये जाने वाले पशुओं की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया जाए।

नगर निकाय द्वारा 19 जुलाई को जारी परिपत्र के मुताबिक देवनार बूचड़खाना 21 जुलाई से 23 जुलाई तक सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक खुला रहेगा और 300 भैंसों या ‘‘बड़े पशुओं’’की इन तीनों दिन कुर्बानी देने की अनुमति होगी।

याचिकाकर्ताओं में एक के वकील तनवीर निजाम ने अदालत से कहा कि चूंकि बीएमसी ने पूर्व में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि कुर्बानी दिये जाने वाले पशुओं की संख्या सीमित की जाएगी, ऐसे में लोगों ने कुर्बानी देने के लिए बड़ी संख्या में पशु खरीद लिए और उनमें से कई अब शेष रह जाएंगे।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने सवाल किया, ‘‘क्या धर्म के ऊपर जनस्वास्थ्य नहीं है? ’’

अदालत ने कहा, ‘‘यह मौजूदा हालात (महामारी) को ध्यान में रखते हुए किया गया है। अन्यथा, प्रशासन स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाएगा।’’

बीएमसी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने अदालत से कहा कि नगर निकाय ने बूचड़खाने में भीड़ नियंत्रित करने के लिए कुर्बानी दिये जाने वाले पशुओं की संख्या सीमित की है।

कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पशुओं की संख्या सीमित करने के राज्य सरकार के दो जुलाई के फैसले के बाद बीएमसी ने परिपत्र जारी किया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘‘अब सभी त्योहार शुरू हो रहे हैं, हिंदुओं और मुसलमानों के लिए। हम तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ये एहतियात बरत रहे हैं। ’’

इस पर , उच्च न्यायालय ने कहा कि पाबंदियां प्रशासन के फैसले हैं और इसमें अदालत का कोई हस्तक्षेप वांछित नहीं है।

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Web Title: Court refuses to interfere in BMC's decision to limit number of animals sacrificed on Bakrid

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