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युवती के धर्मांतरण की जबरिया कोशिश के नौ आरोपियों को जमानत देने से अदालत का इनकार

By भाषा | Updated: January 28, 2021 21:08 IST

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इंदौर, 28 जनवरी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार के नये कानून के तहत यहां दो दिन पहले गिरफ्तार नौ आरोपियों को जमानत देने से जिला अदालत ने बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 25 वर्षीय हिंदू युवती की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए उसके माता-पिता समेत इन नौ लोगों को गिरफ्तार किया था।

युवती का आरोप है कि ईसाई समुदाय के "सत्प्रकाशन संचार केंद्र" में मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर उसका धर्म जबरन बदलने की कोशिश की जा रही थी। खास बात यह है कि यह केंद्र भंवरकुआं थाने के ठीक पीछे स्थित है जहां पुलिस ने युवती की शिकायत पर "मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020" के संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश यतीन्द्र कुमार गुरु ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शिकायतकर्ता युवती के माता-पिता और सात अन्य लोगों की जमानत अर्जियां खारिज कर दीं।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, "मामले में पेश तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए आरोपियों को जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।"

बचाव पक्ष की ओर से अदालत में कहा गया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले आरोपियों को झूठे मामले में फंसाया गया है और वे सत्प्रकाशन संचार केंद्र में गणतंत्र दिवस मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे।

बचाव पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि घटनास्थल पर कोई भी ईसाई धर्मगुरु मौजूद नहीं था और ऐसे में किसी व्यक्ति को इस धर्म में शामिल कैसे किया जा सकता है?

उधर, अभियोजन पक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि 25 वर्षीय हिन्दू युवती ने मामला दर्ज कराया है कि उसके माता-पिता मंगलवार सुबह नानी के घर ले जाने का कथित झांसा देकर उसे ईसाई समुदाय के सत्प्रकाशन संचार केंद्र में चल रही प्रार्थना सभा में ले गए।

इंदौर शहर के पास स्थित गुजरखेड़ा गांव से ताल्लुक रखने वाली युवती की शिकायत के हवाले से प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि इस केंद्र में कुछ लड़कियों ने उसके हाथ-पैर खींचकर उसके साथ मारपीट की और वहां उसे एक हॉल में जबरन बैठाकर रखा गया।

युवती के हवाले से प्राथमिकी में यह भी लिखा गया कि वह हिंदू धर्म में जन्मी है, इसी धर्म का पालन करती है और ईसाई धर्म अपनाने की उसकी कोई इच्छा नहीं है। लेकिन उसके माता-पिता और सत्प्रकाशन संचार केंद्र में मौजूद ईसाई आयोजकों ने उसके धर्मांतरण की कथित तौर पर जबरिया कोशिश की।

उधर, सत्प्रकाशन संचार केंद्र के निदेशक फादर बाबू जोसफ इस परिसर में धर्मांतरण की कोशिश के आरोपों से पहले ही इनकार कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि ईसाई समुदाय के एक समूह को मंगलवार को बैठक और प्रार्थना सभा के लिए इस केंद्र का हॉल दिया गया था। लेकिन "कुछ असामाजिक तत्व" वहां धर्मांतरण संबंधी गतिविधि चलने का आरोप लगाते हुए इस हॉल में बलपूर्वक घुस गए थे।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आ चुका है जिसमें घटनाक्रम के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता सत्प्रकाशन संचार केंद्र के परिसर में धार्मिक नारेबाजी करते नजर आए थे।

बजरंग दल की स्थानीय इकाई के प्रमुख तन्नू शर्मा का आरोप है कि ईसाई समुदाय के इस केंद्र में इंदौर के साथ ही खंडवा, झाबुआ, बुरहानपुर और राज्य के अन्य जिलों के करीब 300 लोगों को गणतंत्र दिवस पर धर्मान्तरण के लिए बुलाया गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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