अदालत ने रेमडेसिविर के साथ पकड़े गए चार व्यक्तियों को हिरासत में लेने के आदेश को रद्द किया
By भाषा | Updated: August 18, 2021 23:53 IST2021-08-18T23:53:02+5:302021-08-18T23:53:02+5:30

अदालत ने रेमडेसिविर के साथ पकड़े गए चार व्यक्तियों को हिरासत में लेने के आदेश को रद्द किया
गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि जहां एक राजनीतिक दल द्वारा चैरिटी के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के "अनधिकृत वितरण" को लेकर राज्य के अधिकारियों ने आंखें मूंद लीं, वहीं उन्होंने सड़क पर लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी, जो कोविड-19 दवा की कुछ शीशियों के साथ पकड़े गए थे। इसके साथ ही अदालत ने चार लोगों को हिरासत में लेने के आदेश को रद्द कर दिया। इन चार व्यक्तियों को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कथित तौर पर इंजेक्शन की कुछ शीशियों के साथ पकड़ा गया था और राज्य सरकार ने कालाबाजारी के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की थी। उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय की अदालत ने इस साल अप्रैल में जरूरतमंद लोगों को कोविड-19 दवा मुफ्त वितरित करने के लिए सूरत में पार्टी कार्यालय में भाजपा नेताओं द्वारा आयोजित शिविरों का जिक्र किया। इस मामले को पहले ही उच्च न्यायालय में चुनौती दी चुकी है। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिविर की कुछ शीशियों के साथ मिले चार व्यक्तियों के खिलाफ हिरासत में लेने के आदेश को रद्द करते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा कि अधिकारियों ने उनकी गतिविधियों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा और कालाबाजारी के रूप में मानने में गलती की। गौरतलब है कि भरूच के जिलाधिकारी ने चार व्यक्तियों को कथित तौर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन रखने के लिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कालाबाजारी रोकथाम और आवश्यक वस्तु की आपूर्ति रखरखाव अधिनियम के तहत हिरासत में लेने का आदेश दिया था।
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