कृषि कानूनों पर ‘राजनीतिक गतिरोध’ का समाधान निकालने में न्यायालय की कोई भूमिका नहीं: किसान संगठन
By भाषा | Published: January 11, 2021 07:22 AM2021-01-11T07:22:19+5:302021-01-11T07:24:14+5:30
किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि प्रदर्शनकारी किसानों की कानूनों को रद्द करने की मांग नहीं मानी जाएगी तो वे दिल्ली की सभी सीमाओं को जल्द ही बंद कर देंगे।
नयी दिल्ली: ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) ने रविवार को कहा कि सरकार को नए कृषि कानूनों पर बने ‘‘राजनीतिक गतिरोध’’ का समाधान उच्चतम न्यायालय के दखल के बगैर निकालना चाहिए।
उसने चेतावनी दी कि प्रदर्शनकारी किसानों की कानूनों को रद्द करने की मांग नहीं मानी जाएगी तो वे ‘‘दिल्ली की सभी सीमाओं को जल्द ही बंद कर देंगे’’। उच्चतम न्यायालय में नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं तथा किसानों के जारी आंदोलन से जुड़े मुद्दों वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई से पहले संगठन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ‘‘कॉरपोरेट घरानों के दबाव’’ में लागू किए गए कानूनों को लेकर बने ‘‘राजनीतिक गतिरोध को सुलझाने में’’ उच्चतम न्यायालय की ‘‘भूमिका नहीं है और नहीं होनी चाहिए’’।
संगठन ने कहा कि इसमें ‘‘उच्चतम न्यायालय की कोई भूमिका नहीं है’’ और यह मामला ‘‘राजनीतिक नेतृत्व पर छोड़ देना चाहिए’’। एआईकेएससीसी ने आरोप लगाया कि सरकार उच्चतम न्यायालय का इस्तेमाल ‘‘राजनीतिक ढाल’’ की तरह कर रही है।
उसने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘किसान सभी दिशाओं से दिल्ली को घेर रहे हैं और जल्द ही सभी सीमाओं को बंद कर देंगे।’’ बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली कूच करने के लिए बड़ी संख्या में किसान तैयारी कर रहे हैं।