नयी दिल्ली, सात दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक सीआईएसएफ कर्मी के लापता होने के मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की गई जांच पर सोमवार को असंतोष जताया।
सीआईएसएफ कर्मी मई में धौला कुआं स्थित अपने कार्यालय गए थे और उसके बाद से वह लापता हैं।
अदालत ने अपराध शाखा को इस मामले में अब तक हुयी जांच में विभिन्न खामियों को दूर करने के लिए जांच अधिकारी बदलने के बाद अपनी तीसरी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने यह भी संकेत दिया कि वह मामले में जांच एजेंसी को बदल सकती है और सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को जांच के लिए कह सकती है।
उच्च न्यायालय सीआईएसएफ कांस्टेबल वेंकट राव की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रहा था जो अपने पति के बारे में जानकारी चाहती हैं।
राव की पत्नी ने वकीलों आर बालाजी और के श्रवण कुमार के जरिए यह याचिका दायर की है।
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका एक ऐसे व्यक्ति को पेश करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करने के लिए दायर की जाती है जो लापता या अवैध रूप से हिरासत में है।
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