न्यायालय ने प्रादेशिक सेना के पूर्व सैनिक को विकलांगता पेंशन देने का निर्देश दिया

By भाषा | Updated: December 17, 2021 22:44 IST2021-12-17T22:44:55+5:302021-12-17T22:44:55+5:30

Court directs to give disability pension to ex-servicemen of Territorial Army | न्यायालय ने प्रादेशिक सेना के पूर्व सैनिक को विकलांगता पेंशन देने का निर्देश दिया

न्यायालय ने प्रादेशिक सेना के पूर्व सैनिक को विकलांगता पेंशन देने का निर्देश दिया

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने 80 प्रतिशत विकलांगता से पीड़ित प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) के एक जवान को विकलांगता पेंशन देने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने कहा कि सेना के लिए पेंशन नियमन, 1961 के अनुसार, एक व्यक्ति सैन्य सेवा के दौरान बिना-युद्ध के ही विकलांग हो जाता है और उसकी विकलांगता का प्रतिशत 20 फीसदी से अधिक होता है तो वह नि:शक्तता पेंशन का पात्र होगा।

अदालत ने कहा, ‘‘इसमें कोई विवाद नहीं है कि प्रादेशिक सेना में काम करने वाले अन्य अधिकारी या नामांकित व्यक्ति सेना के लिए पेंशन नियमन, 1961 की नियम संख्या 292 के साथ पठित नियम संख्या 173 के तहत विकलांगता पेंशन के हकदार हैं।’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘हमें कोई कारण नहीं दिखता कि अपीलकर्ता को विकलांगता पेंशन से वंचित क्यों किया गया था। विशेष रूप से, जब मेडिकल बोर्ड और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में पाया गया है कि अपीलकर्ता को लगी चोट सैन्य सेवा के कारण हुई थी, न कि उसकी खुद की लापरवाही के कारण।

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Web Title: Court directs to give disability pension to ex-servicemen of Territorial Army

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