अदालत का एनआईए को वरवर राव का चिकित्सकीय परीक्षण कराने का निर्देश
By भाषा | Updated: December 3, 2021 19:13 IST2021-12-03T19:13:35+5:302021-12-03T19:13:35+5:30

अदालत का एनआईए को वरवर राव का चिकित्सकीय परीक्षण कराने का निर्देश
मुंबई, तीन दिसंबर बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को निर्देश दिया कि वह वरवर राव की नानावती अस्पताल में चिकित्सकीय जांच कराए ताकि यह पता चल सके कि वह किसी बीमारी से पीड़ित हैं या नहीं।
अदालत ने तलोजा जेल अधिकारियों के सामने राव के समर्पण करने की तारीख 18 दिसंबर तक बढ़ा दी है। उच्च न्यायालय के पिछले आदेश के मुताबिक राव का 18 नवंबर को चिकित्सकीय परीक्षण होना था लेकिन एनआईए ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि अभी चिकित्सकीय जांच होना बाकी है।
एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने कहा कि चिकित्सकीय जांच में देरी इसलिए हुई क्योंकि 83 वर्षीय राव की जांच कई डॉक्टर करते हैं और वह “अदालत के आदेश का फायदा उठाकर” अपने पूरे शरीर की समग्र जांच कराते हैं। पाटिल ने कहा, “इससे पहले चिकित्सकीय जमानत का अनुरोध करते समय उन्होंने (राव) कैटरैक्ट, हर्निया और अपेंडिक्स की शिकायत की थी। अब एपेंडिक्स और हर्निया ठीक हो गया है तथा केवल कैटरैक्ट बचा है। लेकिन वह अदालत के आदेश का फायदा उठाकर सभी प्रकार की जांच कराने का प्रयास करते हैं।”
न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एस वी कोतवाल की पीठ ने एनआईए की दलील पर सवाल खड़ा किया और कहा कि एजेंसी को व्यावहारिक रवैया अपनाना चाहिए और राव की उम्र का लिहाज करना चाहिए।
अदालत ने कहा, “यहां मुद्दा यह देखना है कि वह अब भी बीमार हैं या नहीं और उन्हें चिकित्सकीय जमानत की जरूरत है या नहीं। उनकी उम्र का लिहाज कीजिये। मान लीजिये कि चिकित्सकीय परीक्षण में कुछ सामने आ जाता है तब आप (एनआईए) क्या करेंगे।”
राव एल्गार-परिषद मामले में आरोपी हैं और इस साल फरवरी में उन्हें स्वास्थ्य कारणों से अस्थायी जमानत मिल गई थी। उन्हें पांच सितंबर को जेल प्राधिकारियों के समक्ष समर्पण करना था लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अधिवक्ता आर सत्यनारायणन और वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर के माध्यम से जमानत की अवधि बढ़ाने का अदालत से अनुरोध किया। उनका कहना था कि उनका स्वास्थ्य अभी भी ठीक नहीं है और अगर उन्हें जेल वापस भेजा जाता है तो उनकी स्थिति वैसी ही हो सकती है जैसी कि जमानत दिये जाने के वक्त थी। इसके बाद से राव की जमानत की अवधि बढ़ती रही है।
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