न्यायालय ने निजी जासूसों के कामकाज से संबंधित याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

By भाषा | Updated: November 4, 2020 12:59 IST2020-11-04T12:59:34+5:302020-11-04T12:59:34+5:30

Court denies hearing on plea related to the work of private detectives | न्यायालय ने निजी जासूसों के कामकाज से संबंधित याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

न्यायालय ने निजी जासूसों के कामकाज से संबंधित याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

नयी दिल्ली, चार नवंबर उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर सुनवाई करने से बुधवार को इनकार कर दिया, जिसमें केन्द्र सरकार को यह निर्देश देने की अपील की गई थी कि जब तक कोई संहिताबद्ध कानून अस्तित्व में नहीं आ जाता तब तक वह निजी जासूसों के कामकाज और अधिकार क्षेत्र को विनियमित करने के लिये दिशा-निर्देश जारी करे।

याचिका में सरकार को गैर-कानूनी तरीके से हासिल की गई भारतीय नागरिकों की निजी जानकारियों का दूसरे देशों को हस्तांतरण रोकने के लिये एक तंत्र बनाने का निर्देश देने की भी अपील की गई थी।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विभा दत्ता मखीजा से कहा, ''कृप्या आप इस याचिका को वापस ले लें या फिर हम इसे खारिज कर देंगे।''

मखीजा ने दलील दी थी कि निजी एजेंसियों द्वारा जासूसी विनियमित नहीं है और इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है। हालांकि बाद में उन्होंने याचिका वापस ले ली।

हरियाणा में रहने वाली एक महिला ने यह याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली स्थित कंपनी के निदेशक दो निजी जासूसों ने किसी भी प्राधिकरण की अनुमति के बिना उनकी निजी जानकारी हासिल की और उसे अमेरिका में स्थित एक व्यक्ति को भेज दिया।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि एक अमेरिकी नागरिक ''धोखाधड़ी से हासिल की गई जानकारी'' का वहां एक अदालती मुकदमे में इस्तेमाल कर रहा है।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने मखीजा से कहा, ''आप हमें बताएं कि हम कैसे एक निजी निकाय को परमादेश रिट जारी कर सकते हैं। क्या हम ऐसे लोगों को रिट जारी कर सकते हैं। ''

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि गृह मंत्रालय को परमादेश रिट जारी की जा सकती है। इसे विनियमित करने के लिये कोई कानून नहीं है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, ''यह मेरे (याचिकाकर्ता के) निजी जीवन में दखलअंदाजी है।''

याचिका में केन्द्र सरकार को यह निर्देश देने की अपील की गई थी कि जब तक कोई संहिताबद्ध कानून अस्तित्व में नहीं आ जाता तब तक वह निजी जासूसों के कामकाज और अधिकार क्षेत्र को विनियमित करने के लिये दिशा-निर्देश तय करे।

Web Title: Court denies hearing on plea related to the work of private detectives

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