अदालत ने एसआईटी से पूछा- क्या एसआईटी ने चिन्मयानंद के खिलाफ आरोपों की जांच की
By भाषा | Published: December 5, 2019 05:55 AM2019-12-05T05:55:54+5:302019-12-05T05:55:54+5:30
चिन्मयानंद को एसआईटी द्वारा 20 सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी ने पीड़िता छात्रा, उसके तीन मित्रों और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ चिन्मयानंद से कथित तौर पर फिरौती मांगने के लिए मामला दर्ज किया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) को एक हलफनामा दाखिल कर अदालत को यह अवगत कराने का बुधवार को निर्देश दिया कि क्या उसने विधि की छात्रा द्वारा नई दिल्ली के लोधी रोड पुलिस थाने में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की है।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव की पीठ ने एसआईटी को एक सप्ताह के भीतर यह हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 11 दिसंबर तय की। अदालत ने एसआईटी को वह तरीका भी बताने को कहा जिसमें कानून की छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की गई। उल्लेखनीय है कि कानून की छात्रा ने लोधी रोड पुलिस थाने में दिए अपने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद के मोबाइल फोन में उसका अश्लील वीडियो था जिसका इस्तेमाल वह उसे ब्लैकमेल करने के लिए किया करता था।
चिन्मयानंद मामले की जांच कर रही एसआईटी नियमित आधार पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जांच की प्रगति रिपोर्ट दाखिल कर रही है। यौन शोषण का आरोप लगने के करीब एक महीने के बाद चिन्मयानंद को एसआईटी द्वारा 20 सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी ने पीड़िता छात्रा, उसके तीन मित्रों और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ चिन्मयानंद से कथित तौर पर फिरौती मांगने के लिए मामला दर्ज किया था।