आरएफएल मामले में न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से महीने के अंत तक जांच पूरी करने को कहा

By भाषा | Published: November 11, 2021 09:20 PM2021-11-11T21:20:46+5:302021-11-11T21:20:46+5:30

Court asks Delhi Police to complete investigation by month-end in RFL case | आरएफएल मामले में न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से महीने के अंत तक जांच पूरी करने को कहा

आरएफएल मामले में न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से महीने के अंत तक जांच पूरी करने को कहा

नयी दिल्ली, 11 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस को फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह के खिलाफ एक मामले में महीने के अंत तक जांच पूरी करने को कहा। शिविंदर पर अन्य लोगों के साथ रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के 2,397 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमर्ति हिमा कोहली की पीठ ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज को नवंबर के अंत तक जांच पूरी करने को कहा। पीठ ने कहा कि अगर जांच पूरी नहीं होती है तो वह और दिए जाने समय का अनुरोध कर सकते हैं।

शिकायतकर्ता के वकील ने दलील दी कि मामला जनता के धन से जुड़ा हुआ है, इस पर पीठ ने कहा, ‘‘किसी आरोपी को कब तक जेल में रखा जा सकता है और निष्पक्षता होनी चाहिए।’’

मामले में शिकायतकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा कि मामले में जनता का 2,300 करोड़ रुपये से अधिक धन शामिल है और ऐसे फैसले आए हैं जो कहते हैं कि आरोपी की जमानत याचिका पर विचार करते समय अपराध की गंभीरता पर विचार किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘के एम नटराज के अनुरोध पर सुनवाई स्थगित की जाती है ताकि जांच एजेंसी इस बीच जांच पूरी करने में सक्षम हो सके।’’ पीठ ने दो दिसंबर को मामले की सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।

प्रधान न्यायाधीश ने मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘‘मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन सरकार (पुलिस) बहुत दिलचस्पी ले रही है।’’ सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने रिकॉर्ड का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने नौ फरवरी 2021 को कहा था कि सिंह के संबंध में जांच समाप्त हो गई थी, लेकिन अब वे आगे की जांच के लिए चार महीने और चाहते हैं।

मई में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिंह की जमानत रद्द करते हुए कहा था कि ‘‘उनके द्वारा रची गई साजिश’’ का पर्दाफाश करने और कथित रूप से निकाले गए धन का पता लगाने के लिए हिरासत आवश्यक है।

ईओडब्ल्यू ने मार्च 2019 में शिविंदर, रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी और आरएफएल के पूर्व सीईओ कवि अरोड़ा और अन्य के खिलाफ आरएफएल के मनप्रीत सूरी की शिकायत के बाद एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी का प्रबंधन करते समय उनके द्वारा ऋण लिया गया था लेकिन पैसा दूसरी कंपनियों में लगाया गया।

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Web Title: Court asks Delhi Police to complete investigation by month-end in RFL case

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