नयी दिल्ली, 29 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक महिला की याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार का रुख जानना चाहा जिसने अपने कोविड-19 ग्रस्त बेटे की जीनोम अनुक्रमण जांच का परिणाम जानना चाहा था क्योंकि उसे एक निजी अस्पताल से वायरस का स्वरूप स्पष्ट नहीं होने के कारण छुट्टी नहीं मिल रही।
कोरोना वायरस संक्रमित 18 वर्षीय लड़का दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा था और कोविड-19 संक्रमित पाया गया था। वह 25 दिसंबर की सुबह से एक निजी अस्पताल में पृथकवास में है।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने कहा कि अधिकारियों द्वारा लागू प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए, वहीं याचिकाकर्ता को जीनोम परीक्षण के परिणाम जानने का भी अधिकार है जो ‘राष्ट्रीय गोपनीय विषय’ नहीं है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।