गाजियाबाद से बस स्टैंड पर पहुंचे हजारों यात्री, मोदी सरकार ने राज्यों को जारी की एडवाइजरी
By स्वाति सिंह | Published: March 28, 2020 09:13 AM2020-03-28T09:13:17+5:302020-03-28T09:16:59+5:30
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्य सरकारों से कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान वे प्रवासी कृषि मजदूरों, उद्योगों में लगे कामगारों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का उनके कार्यस्थल से घरों की ओर हो रहे बड़े पैमाने पर पलायन को रोकें।
नयी दिल्ली: देशभर बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन के घोषणा की है। वहीं, राज्य सरकारों ने भी संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन सख्ती के साथ कराए जाने के आदेश दिए है। बावजूद इसके शुक्रवार रात से गाजियाबाद के सेटेलाईट बस स्टैंड पर हजारो लोग एक साथ पहुंचे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गाजियाबाद, लालकुँवा बस स्टैंड से पीतलनगरी, मुरादाबाद, लोनी, साहिबाबाद, गढ़मुक्तेश्वर, अमरोहा, सोहराबगेट, अतरौली, गाजियाबाद डिपो की 15 बसों से हजारो यात्री अचानक सेटेलाइट बस अड्डे पहुंच गए।
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य सरकारों से तीन सप्ताह के लॉकडाउन (बंद) की घोषणा के बाद विभिन्न हिस्सों से निकले प्रवासी मजदूरों को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है। राष्ट्रव्यापी ‘लॉकडाउन’ के तीसरे दिन निषेधाज्ञा का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करने के लिये पुलिस ने शुक्रवार को अपनी निगरानी बढ़ा दी।
हालांकि, दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजीपुर में हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार जमा थे और वे अपने-अपने घर पहुंचने के लिये व्याकुल नजर आये। अपनी आजीविका बंद हो जाने के बाद हजारों किमी दूर स्थित अपने-अपने गांव लौटने की कोशिश कर रहे प्रवासी कामगारों की परेशानियों को दूर करने के तरीकों पर अधिकारी काम कर रहे हैं। गाजीपुर में जमा प्रवासी कामगारों को पुलिस ने समूहों में उप्र की सीमा के अंदर भेजा और वे लोग सार्वजनिक वाहन से जाने के लिये कोई मदद नहीं मिलने की स्थिति में लंबी दूरी पैदल चल कर पूरी करने के लिये तैयार नजर आये। कई लोग अपने बच्चों को भी साथ लिये हुए थे।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासनों से प्रवासी मजदूरों को खाना और आसरा मुहैया कराने को कहा है ताकि वे वहीं रहें, जहां हैं। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘गृह मंत्री ने कुछ मुख्यमंत्रियों से बात की है और इस विषय पर उनसे विचार करने को कहा है।’’
देश में विभिन्न स्थानों से प्रवासी मजदूरों के कार्यस्थल छोड़कर घरों की ओर निकलने की खबरें आ रही हैं। परिवहन के साधन नहीं होने के कारण बडी संख्या में लोग पैदल ही निकल रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बंद के दौरान बड़े स्तर पर प्रवासी मजदूरों की आवाजाही रोकने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन का मतलब है कि जहां हैं वहीं रहें।’’ गृह सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर प्रवासी श्रमिकों को भोजन और आसरा मुहैया कराने को कहा है। उन्होंने राज्यों से यह भी कहा है कि प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज की उपलब्धता की जानकारी दी जानी चाहिए। संयुक्त सचिव ने कहा कि अब राज्य सरकारें इस पर जोर दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रवासी मजदूरों के मन में डर है और इस डर को निकालना जरूरी है। मुफ्त अनाज के बारे में जागरुकता फैलानी चाहिए। यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हमारा अनुरोध है।’’