कोरोना वैक्सीनः फरवरी तक आ सकते हैं टीके, आधी कीमत पर खरीदेगी मोदी सरकार, 50 प्रतिशत कम पर मिलेंगे

By एसके गुप्ता | Published: November 23, 2020 08:42 PM2020-11-23T20:42:04+5:302020-11-23T20:43:10+5:30

वैक्सीन बनाने की रेस में तीन कंपनियों की ओर से एक-एक कर अपनी वैक्सीन की सफलता के डेटा जारी किए गए हैं। इनमें भारतीय विशेषज्ञों की ओर से केंद्र को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 की खरीद को लेकर सुझाव दिए गए हैं। ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है।

Coronavirus two Vaccines come till February Modi government buy half price oxford astrazeneca bharatbiotechs | कोरोना वैक्सीनः फरवरी तक आ सकते हैं टीके, आधी कीमत पर खरीदेगी मोदी सरकार, 50 प्रतिशत कम पर मिलेंगे

भारत के पास मौजूद कोल्‍ड चेन नेटवर्क के लिहाज से यह वैक्‍सीन एकदम परफेक्‍ट है। देश में 28 हजार से ज्‍यादा कोल्‍ड चेन पॉइंट्स हैं।  (file photo)

Highlightsकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से टीकाकरण और उसकी मॉनिटरिंग के लिए कोविन एप भी तैयार कर लिया गया है।वैक्सीन खरीद के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने साफ किया है कि वह सरकार को आधे दामों में वैक्सीन आपूर्ति करेगा। फरवरी में  कोविशील्ड वैक्सीन के बाद अप्रैल तक कोवाक्सीन का टीका आने की भी संभावना जताई जा रही है।

नई दिल्लीः भारत में कोरोना वैक्सीन का टीका फरवरी माह में लगना शुरू हो जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से टीकाकरण और उसकी मॉनिटरिंग के लिए कोविन एप भी तैयार कर लिया गया है।

वैक्सीन बनाने की रेस में तीन कंपनियों की ओर से एक-एक कर अपनी वैक्सीन की सफलता के डेटा जारी किए गए हैं। इनमें भारतीय विशेषज्ञों की ओर से केंद्र को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 की खरीद को लेकर सुझाव दिए गए हैं। ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने साफ कहा है कि वैक्सीन खरीद के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने साफ किया है कि वह सरकार को आधे दामों में वैक्सीन आपूर्ति करेगा। फरवरी में  कोविशील्ड वैक्सीन के बाद अप्रैल तक कोवाक्सीन का टीका आने की भी संभावना जताई जा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से खास बातचीत में कहा कि फाइजर और मॉर्डना की वैक्सीन को शून्य से कम तापमान में स्टोर करना पड़ेगा। ऐसे में इसके वितरण में समस्या आएगी। जबकि कोविशील्ड वैक्सीन का स्टोरेज 2 से 8 डिग्री तापमान पर किया जा सकता है। अधिकतर वैक्‍सीन इसी टेम्‍प्रचेर लिमिट में स्‍टोर की जाती हैं। भारत के पास मौजूद कोल्‍ड चेन नेटवर्क के लिहाज से यह वैक्‍सीन एकदम परफेक्‍ट है। देश में 28 हजार से ज्‍यादा कोल्‍ड चेन पॉइंट्स हैं। 

कोरोना टीकाकरण के लिए कोविन नाम का ऐप भी बनाया गया है। जिसमें वैक्‍सीन का पूरा डेटाबेस होगा। सरकार को वैक्‍सीन के स्‍टॉक, डिस्‍ट्रीब्‍यूशन, स्‍टोरेज जैसी अहम जानकारियां मिलेंगी।  लोगों को वैक्‍सीन का टीका कब लगेगा, इसका शेड्यूल भी ऐप से मिलेगा। 

ऐप के जरिए टेम्‍प्रेचर लॉगर्स, वैक्‍सीन डिप्‍लॉयमेंट और कोल्‍ड चेन मैनेजर्स पर भी रहेगी। कोविन ऐप के जरिए लोग अपने टीकाकरण का शेड्यूल, लोकेशन और यहां तक कि टीका कौन लगाएगा, इसकी डीटेल्‍स भी चेक कर पाएंगे। एक बार वैक्‍सीन की दोनों डोज लग गईं तो ऐप में एक टीकाकरण सर्टिफिकेट भी जेनरेट होगा। इसे डिजिलॉकर में भी सेव किया जा सकेगा।

ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन कोविड-19 को रोकने में कारगर रही है। वैक्‍सीन की पहली डोज आधी और दूसरी डोज पूरी रखी गई तब वैक्‍सीन 90 फीसदी तक असरदार साबित हुई है। सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्‍ड की 100 करोड़ डोज तैयार करेगा। भारत सरकार सीरम इंस्टिट्यूट के संपर्क में है और वैक्‍सीन खरीदने को लेकर बातचीत जारी है। यह वैक्‍सीन करीब 500-600 रुपये में मिलेगी। लेकिन सरकार के लिए इसकी कीमत आधी हो जाएगी।    

Web Title: Coronavirus two Vaccines come till February Modi government buy half price oxford astrazeneca bharatbiotechs

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