जम्मू-कश्मीर में कोरोना के दो नए पॉजिटिव, डर का माहौल, इंडियन आर्मी ने बचाव शुरू किया
By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 24, 2020 05:03 PM2020-03-24T17:03:22+5:302020-03-24T17:03:22+5:30
जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सेना ने मुहिम छेड़ रखी है। प्रदेश के कई हिस्सों में सेना ने मोर्टा संभाल रखा है। साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम सेना की ओर से किया जा रहा है। इतना ही नहीं लोगों को जरूरत की वस्तुएं भी सेना की ओर से मुहैया कराई जा रही हैं।
जम्मू: करीब 14 दिनों के बाद कश्मीर में दो मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद जहां जम्मू कश्मीर में अब कोरोना वायरस के छह पॉजिटिव मामले हो गए हैं वहीं इसने डर का माहौल भी पैदा कर दिया है। 6 मामलों में से तीन जम्मू में और तीन कश्मीर संभाग के हैं। वहीं लद्दाख में अब तक 13 पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
नतीजतन जम्मू कश्मीर में लाकडाउन के पांचवें दिन दुकानें और बाजार बंद हैं, कई चौराहों पर तारबंदी भी की गई है। कुछ मार्गों पर बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। साथ ही पूछताछ व चेकिंग के बाद ही छोटे वाहनों को आगे जाने की अनुमति दी जा रही है। इनमें बिक्रम चौक, जीवल चौक, आईआईएम चौराहे के पास तारबंदी की गई है। वहीं कल से नवरात्र शुरू हो रहे है, लेकिन मंदिर बंद हैं, लोग घरों में कलश स्थापना और पूजा-पाठ की तैयारी करने में जुट गए हैं।
कोरोना की रोकथाम के लिए किए गए लाकडाउन के चौथे दिन पहले के मुकाबले अधिक कामयाब दिख रहा है। सोमवार को सरकारी लॉकडाउन के पहले दिन पुलिस को लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी लेकिन मंगलवार को बारिश ने पुलिस की मुश्किल को हल कर दिया। बारिश के चलते बिना वजह घरों से निकलने वाले लोग अब घरों में ही बंद है जिस कारण पूरे शहर में सड़कें सूनी दिख रही हैं।
इस बीच भारतीय सेना के सबसे बड़े कैंप और सेना की 15 कोर के मुख्यालय बादामी बाग कैन्टोन्मेंट में सैनिटाइजेशन के लिए भारतीय सेना के चिकित्सकों और अन्य स्टाफ की मदद ली जा रही है। इस कैंप में जवानों को कोरोना से बचाने के लिए सेना की ओर से हर संभव इंतजाम होने का दावा किया गया है।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सेना ने मुहिम छेड़ रखी है। प्रदेश के कई हिस्सों में सेना ने मोर्टा संभाल रखा है। साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम सेना की ओर से किया जा रहा है। इतना ही नहीं लोगों को जरूरत की वस्तुएं भी सेना की ओर से मुहैया कराई जा रही हैं।