Coronavirus: लॉकडाउन हटाना चाहते हैं राज्य, केंद्र चिंतित, 3 दिन में भारत में 40% इलाके में फैला कोरोना
By हरीश गुप्ता | Published: April 6, 2020 06:41 AM2020-04-06T06:41:29+5:302020-04-06T06:41:29+5:30
Coronavirus: मुंबई, दिल्ली, केरल, मध्य प्रदेश आदि के इन 274 जिलों में कई संवेदनशील इलाके हैं, जहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी है. इसी वजह से कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इन संवेदनशील इलाकों के जिला मजिस्ट्रेटों से बात की.
राज्यों की ओर 15 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को हटाने की गुहार के बाद भी केंद्र इन प्रतिबंधों को शिथिल करने के लिए काफी सावधानी बरत रहा है. केंद्र के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह यह है कि देश के 712 जिलों में से पिछले तीनों में दिनों में आज कोरोना प्रभावित जिलों की संख्या 211 से बढ़कर 274 हो गई है. इसका अर्थ यह हुआ कि कोरोना वायरस अब देश के 40 फीसदी इलाकों में फैल गया है.
हालांकि राहत की बात यह है कि ना तो कोरोना केसों की संख्या भयावह है और ना ही सामुदायिक प्रसार के कोई संकेत हैं. बेशक मुंबई, दिल्ली, केरल, मध्य प्रदेश आदि के इन 274 जिलों में कई संवेदनशील इलाके हैं, जहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी है. इसी वजह से कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इन संवेदनशील इलाकों के जिला मजिस्ट्रेटों से बात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट सचिव की अगुवाई वाली सचिवों की शक्तिशाली समित को लॉकडाउन के संबंध में अगले कदम पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
सचिवों की समिति इस संबंध में एक कार्ययोजना तैयार करने के लिए 11 अप्रैल को अहम बैठक करेगी. सरकार ने कोरोना वायरस के लिए एंटीबॉडी परीक्षण (प्रारंभिक 2 घंटे के परीक्षण) की अनुमति दी है जो बुधवार से इन 40 संवेदनशील इलाकों में बड़े पैमाने पर होंगे. ये परीक्षण सरकार को यह निर्णय लेने में मददगार होंगे कि क्या देश में लॉकडाउन खत्म किया जाए या फिर इसे क्रमिक रूप से हटाया जाए.
एक नजरिया यह है कि उन क्षेत्रों में प्रतिबंध में ढील दी सकती है जो कोरोना प्रभाव से मुक्त हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन संवेदनशील इलाकों को 28 दिनों तक पूरी तरह से सील कर, व्यापक पैमाने पर एंटीबॉडी परीक्षण करने का सुझाव दिया है.
आज से बैंठकों का सिलसिला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ओर से कोरोना पर मंत्रियों के समूह के साथ सोमवार से बैठकों का सिलसिला शुरू कर रहे हैं. वह संसदीय दलों के नेताओं के साथ 8 अप्रैल को जबकि मुख्यमंत्रियों से 9 अप्रैल को बातचीत करेंगे. अगले रविवार से पहले अन्य हितधारकों के साथ सिलसिलेवार बैठक करेंगे.
पूर्वोत्तर के कुछ मुख्यमंत्री पहले ही प्रधानमंत्री से लॉकडाउन को खत्म करने का अनुरोध कर चुके हैं, क्योंकि कटाई के इस सीजन में मजदूरों की भारी कमी है. हालांकि, कृषि क्षेत्र के लिए कई प्रतिबंधों में ढील दी गई है. इसके बावजूद श्रमिकों की भारी कमी है जिससे देश की खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो सकती है.
महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस पर आवाज उठा चुके हैं. यात्रा और पर्यटन क्षेत्र ने कल की बातचीत में सरकार को बता दिया था कि अगर लॉकडाउन 15 अप्रैल के बाद भी जारी रहता है तो यह क्षेत्र नहीं बचेगा. यह क्षेत्र सख्त मानकों के साथ लॉकडाउन में नरमी चाहता है.