मोदी सरकार के मंत्री ने खुद को किया घर में कैद, कोरोना वायरस संक्रमित डॉक्टर के आए थे संपर्क में, जानें क्या निकला टेस्ट रिपोर्ट
By पल्लवी कुमारी | Published: March 17, 2020 02:00 PM2020-03-17T14:00:46+5:302020-03-17T14:00:46+5:30
कोरोना वायरस: सूत्रों ने बताया कि केरल से भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरलीधरन ने एहतियात के तौर पर खुद को अपने दिल्ली स्थित आवास पर अलग-थलग रखने का विकल्प चुना है।
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस के पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है। तीन लोगों की कोरोना से भारत में मौत हो चुकी है और अभीतक 128 केस सामने आ चुके हैं। नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन को भी कोरोना होने का खतरा है। वी. मुरलीधरन ने अपने आप को दिल्ली में होम क्वारंटाइन किया है। वी. मुरलीधरन केरल में एक कांफ्रेंस में गए थे, जहां एक डॉक्टर कोरोना से पीड़ित था, उसके संपर्क में आए थे।
14 मार्च को केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन त्रिवेंद्रम के एक चिकित्सा संस्थान में बैठक में भाग लेने के लिए गए थे। स्पेन से लौटे एक डॉक्टर जो उस बैठक में शामिल थे, उनका 15 मार्च को COVID19 परीक्षण सकारात्मक पाया गया जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने अपने आपको क्वारंटाइन (स्व-संगरोध) किया था। MoS सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय वी.मुरलीधरन का कोरोना वायरस टेस्ट का नतीजा नेगेटिव आया है। इसके बाद से ही केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने एहतिहातन अपने आपको होम क्वारंटाइन किया है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से पहली मौत, भारत में मृतक संख्या हुई तीन
कोरोना वायरस से संक्रमित मुम्बई के 64 वर्षीय एक व्यक्ति की मंगलवार को मौत हो गई, जो दुबई यात्रा पर गया था। महाराष्ट्र में कोविड-19 से मौत का यह पहला मामला है जबकि भारत में संक्रमण से मौत का यह तीसरा मामला है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) आयुक्त प्रवीण परदेशी ने बताया कि मृतक का मुम्बई के सरकारी कस्तूरबा अस्पताल में इलाज चल रहा था। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के अलावा उसको स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी थीं। उन्होंने कहा, ‘‘ मरीज को उच्च रक्तचाप और गंभीर निमोनिया था। उसके दम तोड़ने से पहले अचानक उसकी ह्दय गति भी बेहद तेज हो गई थी।’’
परदेशी ने कहा कि उसकी मौत का कारण केवल कोविड-19 को बताना गलत होगा। मृतक उपनगरीय घाटकोपर का रहना वाला और दुबई यात्रा पर गया था। सबसे पहले 13 मार्च को उसे हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था और फिर अगले ही दिन उसे कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के अनुसार व्यक्ति के कुछ करीबी रिश्तेदारों और हिंदुजा अस्पताल के कुछ कर्मियों को भी पृथक किया गया है। महाराष्ट्र में कोविड-19 के सबसे अधिक 38 मामले सामने आए हैं।