कोरोना संकट के बीच लालू यादव को फिर लगा झटका, पेरोल पर जेल से बाहर निकलने की उम्मीद खत्म

By एस पी सिन्हा | Published: April 8, 2020 04:09 PM2020-04-08T16:09:07+5:302020-04-08T16:09:07+5:30

राजद के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात करने की कोशिश की थी, पर कोरोना की वजह से मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी.

Coronavirus Rjd Lalu prasad Yadav not get out of jail on parole, need to take court permission | कोरोना संकट के बीच लालू यादव को फिर लगा झटका, पेरोल पर जेल से बाहर निकलने की उम्मीद खत्म

लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के झारखंड से जुडे 4 मामलों में सजा काट रहे हैं.

Highlightsलालू प्रसाद यादव को पैरोल पर बाहर निकाल पाना संभव प्रतित नही होता. सुप्रीम कोर्ट ने विचाराधीन कैदियों को पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था

रांची: झारखंड में अपने गठबंधन की सरकार होने के बावजूद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर बाहर निकाल पाना संभव प्रतित नही होता. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 7 साल तक की सजा पाए बंदी और विचाराधीन कैदियों को पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था. लेकिन, इसका फायदा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को नहीं मिल पा रहा है. झारखंड के जेलों में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में तय हुआ कि आर्थिक आपराधिक और सात साल से ज्यादा सजा वालों को पेरोल नहीं दी जाएगी. 

वहीं, गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़ सात साल की कम सजा वाले कैदियों की पेरोल का विरोध सरकार कोर्ट में नहीं करेगी. उन मामलों में संबंधित कोर्ट ही निर्णय ले सकती है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बनी उच्च स्तरीय कमिटी की बैठक में लालू प्रसाद यादव के पेरोल पर विचार नहीं हुआ. मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का आदेश आर्थिक आपराधिक और 7 साल से ज्यादा सजा वालों के लिए नहीं है और इस वजह से लालू प्रसाद को पेरोल नही दिया जा सकता. इसके लिए लालू प्रसाद यादव को अलग से हाईकोर्ट जाना होगा और उनके याचिका पर न्यायालय निर्णय ले सकता है. इस तरह से उच्च स्तरीय बैठक के बाद लालू प्रसाद यादव के पेरोल पर चल रहा संशय थम गया है. आर्थिक अपराध का आरोपी होने के कारण लालू प्रसाद यादव को पेरोल नहीं मिल पाएगा. बैठक में हाईकोर्ट के जस्टिस एससी मिश्रा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, जेल आईजी शशि रंजन व डालसा के सचिव मौजूद थे. झारखंड के जेल आईजी शशि रंजन ने बताया की कोरोना को लेकर जेलों में भीड को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था की सात साल से कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाए ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड के केंद्रीय काराओं की क्षमता 14,114 हैं, जिसमे वर्तमान में 18,742 कैदी रह रहे हैं. जेल आईजी ने बताया कि केंद्रीय कारा से कैदियों को मंडल व उपकाराओं में शिफ्ट किया जाएगा. हालांकि इस दौरान कैदियों की अदालतें नहीं बदलेंगी. जेल आईजी शशि रंजन ने बताया कि बैठक में किसी खास नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई. उन्होंने बताया की कोरोना महामारी और जेलों में भीड़ को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि 7 साल से कम सजा वाले कैदियों को पेरोल पर छोड़ा जाए. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इसपर विचार करने के लिए एक बैठक हुई. उन्होंने कहा कि इस कमिटी में अंडर ट्रायल कैदियों और सामान्य अपराध के आरोप में बंद कैदियों (जिन्हें 7 साल से काम सजा हुई है, उनको संबंधित कोर्ट पेरोल दे सकती है. लेकिन, गंभीर अपराध और आर्थिक अपराध में सजा पाने वाले कैदियों के मामले में यह लागू नहीं होगा.

यहां उल्लेखनीय है कि राजद के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात करने की कोशिश की थी, पर कोरोना की वजह से मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी. इसके बाद राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री को मेल के माध्यम से लालू प्रसाद यादव के लिए पेरोल की मांग की थी. इसके बाद झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने मुख्यमंत्री आवास जाकर हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी. अब लालू प्रसाद यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने भी झारखंड सरकार से गुहार लगाई है कि कोरोना के चलते अन्य राज्यों में कैदियों को छोड़ा जा रहा है तो झारखंड सरकार को भी राजद प्रमुख और चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को छोड देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात करेंगी. हेमंत सोरेन से आग्रह करेंगी कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 17 मार्च को अधिकतम सात साल की सजा पाए ज्यादा उम्र वाले कैदियों, खासकर बीमार रहने वालों को जेल से रिहा करने के निर्देश दिए हैं, लोग रिहा किए जा रहे हैं तो लालू प्रसाद यादव को क्यों  जेल में रखा गया है? राबडी देवी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव कोरोना से डरे नहीं हैं. लेकिन उनकी उम्र अधिक है और वे मधुमेह, किडनी समेत कई बीमारी से ग्रसित हैं. ऐसे में उन्हें रिहा कर देना चाहिए.

यहां बता दें कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के झारखंड से जुडे 4 मामलों में सजा काट रहे हैं.  6 जनवरी 2018 को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के एक मामले में साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके बाद से वे जेल में हैं. वैसे इससे पहले भी वे इस घोटाले में सजा काट चुके हैं. कांग्रेस भी जेल में लालू को कोरोना संक्रमण का खतरा बता उनकी रिहाई की मांग कर चुकी है. कांग्रेस नेता कौकब कादरी ने पिछले दिनों कहा था कि संक्रमण और लालू के गिरते स्वास्‍थ्‍य को देखते हुए उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएड. लालू की उम्र 72 साल से ऊपर हो चुकी है. किडनी समेत एक दर्जन से ज्यादा बीमारियों से परेशान लालू प्रसाद यादव को रांची के होटवार जेल से रिम्स अस्पताल में लाकर के इलाज कराया जा रहा है. जमानत पर बाहर निकलने के लिए उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिल सकी है.

Web Title: Coronavirus Rjd Lalu prasad Yadav not get out of jail on parole, need to take court permission

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