कोविड-19 संक्रमणः सीएम अशोक गहलोत बोले- आईसीयू, वेंटिलेटर्स एवं ऑक्सीजन बेड बढ़ाने में कोई कमी नहीं रखें
By धीरेंद्र जैन | Updated: September 22, 2020 21:43 IST2020-09-22T21:43:37+5:302020-09-22T21:43:37+5:30
सरकार संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में कोई कमी नहीं रखेगी। प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति और उसकी रोकथाम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड संक्रमण को देखते हुए इन बेड्स की संख्या में आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त संख्या में वृद्धि की जाए।

प्रदेश के 11 जिला मुख्यालयों पर लगाई गई धारा 144 के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि इसकी सख्ती से अनुपालन हो।
जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर ऑक्सीजन युक्त, आईसीयू एवं वेंटिलेटर्स युक्त बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में कोई कमी नहीं रखेगी। प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति और उसकी रोकथाम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड संक्रमण को देखते हुए इन बेड्स की संख्या में आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त संख्या में वृद्धि की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर तथा अजमेर संभागीय मुख्यालयों पर पूरे संभाग से लोग उपचार के लिए आते हैं। ऐसे में वहां चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही जयपुर में प्राथमिकता से ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर्स के एक हजार बेड्स अतिरिक्त बढ़ाए जाएं।
लगातार प्रयासों के चलते मृत्यु दर को नियंत्रित करने में हम कामयाब रहे हैं
बैठक में चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि लगातार प्रयासों के चलते मृत्यु दर को नियंत्रित करने में हम कामयाब रहे हैं। प्रदेश में सितम्बर माह में अब तक मृत्यु दर 0.9 प्रतिशत से भी कम रही है। अगस्त माह में भी यह 1 प्रतिशत से कम थी। वर्तमान में राजस्थान में कोरोना से औसत मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत है, जो कि न सिर्फ राष्ट्रीय औसत बल्कि दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से कम है।
प्रदेश के 11 जिला मुख्यालयों पर लगाई गई धारा 144 के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि इसकी सख्ती से अनुपालन हो। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों में भी सरकार ऐसा कदम उठाने से नहीं हिचकेगी। बैठक में बताया गया कि कोविड-19 से संक्रमित जिन रोगियों को बेड्स की आवश्यकता है।
उनकी तत्काल मदद करने के लिए ‘मुख्यमंत्री हैल्पलाइन 181‘ प्रारम्भ कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने इस व्यवस्था को 24×7 चाक-चैबंद रखने के साथ ही हेल्पलाइन पर होम आइसोलेशन एवं एसिम्प्टोमेटिक रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। अरोरा ने बताया कि पहले दिन 17 रोगियों ने ‘मुख्यमंत्री हैल्पलाइन‘ पर सम्पर्क कर मदद चाही, जिनको वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल सहायता उपलब्ध कराई।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जन जागरूकता के लिए स्वायत्त शासन विभाग प्रदेश के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में स्वच्छता वाहनों के जरिए आमजन को मास्क के उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग रखने, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकने आदि के बारे में जागरूक करें। बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
आयुर्वेद विभाग में 450 डॉक्टर और 550 नर्स - कंपाउंडर के पदों पर होगी भर्ती: चिकित्सा मंत्री
राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा विभाग में 450 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों (डाॅक्टरों) और 550 नर्स एवं कंपाउंडरों के पदों के लिए भर्ती को मंजूरी देकर राजस्थान के युवाओं को बेहतरीन सौगात दी है। डॉ. शर्मा ने बताया कि इन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जा रही है।
साथ ही उदयपुर आयुर्वेद कॉलेज में 13 प्राध्यापक और योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अधिकारी के 33 पदों पर भर्ती के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग को अर्जी भेजी गई है। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्साधिकारी के 450 और आयुर्वेद नर्स व कंपाउंडर के 550 पदों की भर्ती के लिए प्रस्ताव आगे भिजवाया गया है।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद व भारतीय चिकित्सा विभाग की कोरोना संक्रमण काल में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विभाग प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आमजन की सेवा कर रहा है। विभाग की ओर से रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले काढ़े व अन्य दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है।
विभाग में नयी भर्तियों के बाद उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, जिसका सीधा लाभ आमजन को मिलेगा। डाॅ. शर्मा ने कहा कि निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी निदेशालय के अधिकारी व कर्मचारी ऑनलाइन आवेदन 25 सितंबर से 7 अक्टूबर के मध्य विभाग की वेबसाइट पर अपने ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।