नागपुर: कोरोना की दहशत के बीच यात्रियों को परिवहन सेवा देने में जुटे रेल चालक, गार्ड और टिकट चेकिंग स्टाफ बिना मास्क और सैनिटाइजर के ड्यूटी करने को मजबूर हैं. इससे उनकी जान जोखिम में पड़ने की प्रबल आशंका जताई जा रही है. बावजूद इसके प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, मध्य रेलवे और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मंडल कार्यालय नागपुर में हैं.
इन नागपुर मंडल कार्यालयों के तहत लगभग 5 हजार रेल चालक, गार्ड और रनिंग टिकट चेकिंग स्टाफ काम कर रहे हैं. लेकिन इनमें से किसी भी कर्मचारी को अब तक मास्क और सैनिटाइजर मुहैया नहीं कराया गया है जबकि यह स्टाफ सीधे तौर पर रेलयात्रियों के संपर्क में आते हैं. इससे उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है.
इस मामले में कर्मचारी संगठनों ने प्रशासन से बात भी की है. लेकिन प्रशासन फंड, मास्क और सैनिटाइजर की कमी बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ता दिख रहा है. इतना ही नहीं, रेल कर्मचारियों से खुद ही मास्क, सैनिटाइजर खरीदने की मुफ्त सलाह भी प्रशासन की ओर से दी जा रही है.
ब्रेथ ऐनेलाइजर टेस्ट नहीं देंगे कर्मचारी
सीआरएमएस के मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह और आॅल इंडिया गार्ड्स कौंसिल के उपाध्यक्ष एस.के. शुक्ला ने कहा है कि रेल चालक, गार्ड और अन्य रनिंग स्टाफ को जल्द से जल्द मास्क, सैनिटाइजर, ब्रेथ ऐनेलाइजर पाइप, साबुन आदि मुहैया नहीं कराया गया तो वे बिना ब्रेथ ऐनेलाइजर टेस्ट के मैन्युअली ड्यूटी पर साइन इन करेंगे. उनका यह भी कहना है कि प्रशासन मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराने को लेकर अपनी लाचारगी जता रहा है. ऐसे में आगामी दिनों में रेल कर्मचारियों की जान जोखिम में पड़ने की आशंका बनी हुई है. इस सबके बीच वे अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं.