भारत में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 53 हुई, संक्रमण के कुल 2,069 मामले
By स्वाति सिंह | Updated: April 2, 2020 21:02 IST2020-04-02T20:36:07+5:302020-04-02T21:02:08+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोविड-19 मामलों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़ कर 2,069 हो गई जबकि अब तक 53 मौतें हो चुकी हैं। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जिनके पास निजी वाहन नहीं हैं उनके लिये सरकार संचालित परिवहन की व्यवस्था की जानी चाहिए।

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है, जो 14 अप्रैल तक चलेगा।
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमितों की संख्या 2,069 पहुंच गई है। इसके संक्रमण से 156 लोग ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से गुरुवार शाम ये आंकड़े जारी किए गए हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है, जो 14 अप्रैल तक चलेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि वे पर्याप्त संख्या में डायलिसिस मशीनें, प्रशिक्षित कर्मी और अन्य जरूरी उपकरणों के साथ कम से कम एक हेमोडायलिसिस केंद्र को चिह्नित करें, ताकि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के मामले में ऐसा एक निर्धारित केंद्र उपलब्ध रहे। ‘कोविड-19’ मरीजों के लिये डायलिसिस के लिये अपने दिशानिर्देश में मंत्रालय ने कहा कि राज्यों के स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन को इस बारे में निर्देश दे सकते हैं कि ऐसे रोगियों की डायलिसिस केंद्र तक सुगमता से आवाजाही की इजाजत हो। उनके साथ एक तीमारदार भी रह सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोविड-19 मामलों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़ कर 2,069 हो गई जबकि अब तक 53 मौतें हो चुकी हैं। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जिनके पास निजी वाहन नहीं हैं उनके लिये सरकार संचालित परिवहन की व्यवस्था की जानी चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि ‘कोविड-19’ महामारी से पहले से गंभीर रोगों का सामना कर रहे लोगों को कहीं अधिक खतरा है।
Increase of 235 #COVID19 cases in the last 24 hours. Total number of #COVID19 positive cases rise to 2069 in India (including 1860 active cases, 155 cured/discharged/migrated people and 53 deaths): Ministry of Health and Family Welfare pic.twitter.com/P4gGGo2cYH
— ANI (@ANI) April 2, 2020
मंत्रालय ने कहा, ‘‘डायलिसिस करा रहे पांचवें चरण के किडनी रोगी भी जोखिम वाले समूह में आते हैं...इन लोगों को संक्रमण होने की न सिर्फ अधिक संभावना है बल्कि आम आदमी की तुलना में इन्हें गंभीर रोग भी हो सकते हैं। ’’ दिशानिर्देशों में इस बात पर जोर दिया गया है, ‘‘नियमित रूप से डायलिसिस करा रहे रोगियों को निर्धारित कार्यक्रम का पालन करना चाहिए और आपात डायलिसिस कराने की स्थिति से बचने के लिये अपना डायलिसिस समय पर कराने से नहीं चूकना चाहिए।’’ दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘‘डायलिसिस इकाई में एक संकेत चिह्न लगा होना चाहिए, जिसपर स्थानीय भाषा में और हिंदी एवं अंग्रेजी में रोगियों से यह कहा गया हो कि वे बुखार, खांसी या सांस लेने में समस्या के बारे में सूचना दें।’’
मंत्रालय ने यह सुझाव दिया है कि डायलिसिस इकाई में एक निर्धारित स्क्रीनिंग क्षेत्र होना चाहिए, जहां रोगियों के डायलिसिस क्षेत्र में जाने से पहले उनकी कोविड-19 की जांच की जाए। दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि हर रोगी से कोविड-19 के लक्षणों, कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या विदेश यात्रा से लौटे व्यक्ति के संपर्क में आने के बारे में पूछताछ की जाए। इसमें यह भी कहा गया है कि डायलिसिस इकाई के अंदर संदिग्ध या कोविड-19 के संक्रमित पाये गये मरीजों को डायलिसिस की पूरी अवधि के दौरान तीन परतों वाला सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए। इसमें यह कहा गया है कि डायलिसिस इकाई कर्मी यह सुनिश्चित करें कि मास्क और सैनेटाइजर स्क्रीनिंग क्षेत्र में उपलब्ध रहे। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कोविड-19 के संदिग्ध या संक्रमित व्यक्तियों की डायलिसिस पृथक कमरे में हो। मंत्रालय ने डायलिसिस कर्मियों से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है।