कोरोना वायरस का खौफ: तिहाड़ जेल 3 हजार कैदियों को करेगा रिहा, 3 से 4 दिनों में मिलेगा पेरोल या फरलो

By भाषा | Updated: March 24, 2020 08:38 IST2020-03-24T08:38:20+5:302020-03-24T08:38:20+5:30

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ऐसे कैदी जिन्हें सात वर्ष तक की कैद के लिए दोषी ठहराया गया है या आरोपित किया गया है उन्हें पैरोल दी जा सकती है। 

Coronavirus outbreak in Delhi: Tihar jail will release 3,000 Prisoners | कोरोना वायरस का खौफ: तिहाड़ जेल 3 हजार कैदियों को करेगा रिहा, 3 से 4 दिनों में मिलेगा पेरोल या फरलो

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsकोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह कदम उठाया है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश की जेलों में क्षमता से कहीं ज्यादा कैदी होने के तथ्य का 16 मार्च को स्वत: संज्ञान लिया था।

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि वे करीब तीन हजार कैदियों को रिहा करने की योजना बना रहे हैं ताकि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जेल में भीड़भाड़ कम की जा सके। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, ‘‘हम आगामी तीन-चार दिनों में करीब 1500 दोषियों को पैरोल या फरलो पर रिहा करने का प्रयास करेंगे और इतने ही विचाराधीन कैदियों को रिहा करेंगे ताकि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए भीड़भाड़ कम की जा सके।’’ उन्होंने कहा कि इसमें खतरनाक अपराधी शामिल नहीं होंगे। आदेश के मुताबिक ऐसे कैदी जिन्हें सात वर्ष तक की कैद के लिए दोषी ठहराया गया है या आरोपित किया गया है उन्हें पैरोल दी जा सकती है। 

कैदियों की पैरोल पर हो सकती है रिहाई राज्यों को समितियां गठित करने का निर्देश

देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से चिंतित उच्चतम न्यायालय ने बीते दिन (22 मार्च) सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उच्चस्तरीय समितियां गठित करने का निर्देश दिया जो कैदियों की उस श्रेणी का निर्धारण करेेंगी, जिन्हें चार से छह सप्ताह के लिए पैरोल पर रिहा किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने देश की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी होने की वजह से उनमें कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के इरादे से यह निर्देश दिया है।

न्यायालय ने कहा कि जिन कैदियों को सात साल की कैद हुई है या जिनके खिलाफ सात साल तक की कैद की सजा के अपराध में अभियोग निर्धारित हो चुके हैं, उन्हें जेलों में भीड़ कम करने के प्रयास में रिहा किया जा सकता है।प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कैदियों की रिहाई के लिए यह उच्च स्तरीय समिति राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के परामर्श से काम करेगी।

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर जेलों में भीड़ कम करने के इरादे से इन कैदियों की रिहाई की जा रही है। शीर्ष अदालत ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश की जेलों में क्षमता से कहीं ज्यादा कैदी होने के तथ्य का 16 मार्च को स्वत: संज्ञान लिया था।

Web Title: Coronavirus outbreak in Delhi: Tihar jail will release 3,000 Prisoners

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