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प्रवासी मजदूरों को लेकर विपक्ष का चौतरफा हमला, राहुल गांधी और पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को घेरा

By शीलेष शर्मा | Updated: May 14, 2020 21:15 IST

चिदंबरम सरकार पर हमला करते हुये यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे टिपण्णी की आइए एक प्रवासी मज़दूर को लें ,जो सभी बाधाओं को पार कर अपने गांव लौट आया है। गांव में नौकरियाँ नहीं हैं ,उसके पास कोई काम नहीं है और न ही कोई आमंदनी ।वह कैसे अपना जीवन निर्वाह और परिवार का भरण पोषण करेगा। 

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ठळक मुद्देनरेंद्र मोदी की  20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा को भी सरकार एक ईवेंट के रूप में इस्तेमाल कर रही है अब सरकार और विपक्ष के बीच कोरोना के साथ साथ पैकेज को लेकर जुबानी जंग होना तैय है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा को भी सरकार एक ईवेंट के रूप में इस्तेमाल कर रही है, अखबार और टीवी चैनलों की सुर्ख़ियों में बने रहने के लिये वित्तमंत्री इस पैकेज का ब्यौरा किश्तों में जारी कर रही हैं, विपक्ष के इस आरोप से साफ़ हो गया है कि अब सरकार और विपक्ष के बीच कोरोना के साथ साथ पैकेज को लेकर जुबानी जंग होना तैय है। इसकी बानगी पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के ट्वीट में देखने को मिली। 

इसमें उन्होंने लिखा , "पीएम केयर्स से प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। कृपया, समझने में गलती मत करिए। यह पैसा प्रवासी श्रमिकों को नहीं दिया जाएगा, बल्कि राज्य सरकारों को प्रवासी कामगारों की यात्रा, रहने, दवा और खाने के खर्च के लिए दिया जायेगा। प्रवासी मजदूरों के हाथों में कुछ नहीं मिलेगा।" 

चिदंबरम सरकार पर हमला करते हुये यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे टिपण्णी की आइए एक प्रवासी मज़दूर को लें ,जो सभी बाधाओं को पार कर अपने गांव लौट आया है। गांव में नौकरियाँ नहीं हैं ,उसके पास कोई काम नहीं है और न ही कोई आमंदनी ।वह कैसे अपना जीवन निर्वाह और परिवार का भरण पोषण करेगा। 

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की आज की घोषणा को असंवेदनशील बताते हुये कहा कि यह सरकार सड़कों पर लाखों लोगों के पैरों में पड़े छालों को जानबूझ कर देखना ही नहीं चाहती। उन्होंने आज के हालातों को 1947 के बाद की सबसे बड़ी त्रासदी बताया और सरकार से पूछा कि सरकार इन मज़दूरों को घर भेजने के लिये बसों और सभी रेल गाड़ियों को क्यों नहीं चलाते। 

राहुल ने सरकार पर और तेज़ हमला किया इस टिप्पड़ी के साथ " अन्धकार घना है ,कठिन घड़ी है हिम्मत रखिये हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं। सरकार तक इनकी चीखें पहुंचा के रहेंगे ,इनके हक़ की हर मदद दिला कर रहेंगे। देश की साधारण जनता नहीं ,ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज है ,इसे कभी झुकने नहीं देंगे " 

दरअसल कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष ने प्रवासी मज़दूरों के सवाल को बड़ा मुद्दा बना लिया है क्योंकि सरकार इस सवाल पर पूरी तरह बैक फुट पर है इतना ही नहीं सरकार 51 दिनों के बाद भी इस गंभीर समस्या का कोई हल नहीं खोज पाई है जिससे विपक्ष को एक ही मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका मिल गया है। अखिलेश यादव ,सीताराम येचुरी ,अतुल अनजान सहित तमाम नेता इसी मुद्दे पर हमलावर हैं। 

टॅग्स :कोरोना वायरसआर्थिक पैकेजनिर्मला सीतारमण
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