लाइव न्यूज़ :

कोरोना से मौत के बाद 36 घंटे तक पड़ी रही डॉक्टर की लाश, दफनाने को लेकर चलता रहा हंगामा, मुख्यमंत्री को करनी पड़ी पहल

By विनीत कुमार | Updated: April 17, 2020 08:50 IST

Coronavirus: कोरोना से जिस डॉक्टर जॉन एल सेलिओ रेनथियांग की मौत हुई है, वे मेघालय के सबसे बड़े निजी अस्पतालों में से एक के फाउंडर भी रहे हैं।

Open in App
ठळक मुद्देमेघालय में कोरोना से 69 वर्षीय एक डॉक्टर की बुधवार को हुई थी मौतडॉक्टर के परिवार के कई और सदस्य भी हैं कोरोना से संक्रमित

मेघालय में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति 69 वर्षीय एक डॉक्टर को आखिरकार उनकी मौत के 36 घंटे बाद गुरुवार को दफना दिया गया। हालांकि इससे पहले करीब दो दिन तक उनके शव को दफनाने को लेकर चले हंगामे ने समाज का एक कड़वा सच सामने ला दिया। 

दरअसल, कोरोना से जिस डॉक्टर जॉन एल सेलिओ रेनथियांग की मौत हुई वो राज्य के एक बेहद सम्मानित शख्स थे और मेघालय के सबसे बड़े निजी अस्पतालों में से एक के फाउंडर भी रहे। उनके बारे में कहा जाता रहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मेघालय को दे दी लेकिन अब जब एक बीमारी से उनकी मौत हुई तो स्थानीय लोगों ने ही अंतिम संस्कार पर आपत्ति जताई।

लोगों को आशांका थी कि इससे कोरोना संक्रमण फैल सकता है। मामला इतना बढ़ गया कि अंतिम संस्कार के लिए राज्य के मुख्यमंत्री को दखल देना पड़ा। बहरहाल, इस डॉक्टर को दफनाये जाने के बाद मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने ट्वीट किया, 'अभी उदारता समय की मांग है। रिआसमाथैया प्रेस्बाइटेरियन चर्च ने जो कर के दिखाया उसके लिए हम आभारी है।'

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री का ये ट्वीट उन घटनाक्रमों को लेकर था जो डॉक्टर की मौत के बाद हुए। दरअसल डॉक्टर का परिवार उन्हें पहले नोंगपोह में दफनाना चाहता था जहां उनका एक घर भी है। स्थानीय लोगों ने हालांकि इसका विरोध किया। इसके बाद जब शरीर को दफनाने की बात शिलांग के झालपुरा में एक कब्रगाह में हुई तो यहां भी लोगों ने विरोध किया। इन सब हंगाने के बीच डॉक्टर का शव उसी अस्पताल में पड़ा रहा जिसकी स्थापना उन्होंने करीब दो दशक पहले की थी। 

आखिरकार बुधवार रात सरकार आसमाथैया प्रेस्बाइटेरियन चर्च के पास पहुंची और चर्च इसके लिए तैयार हो गया। इन अंतिम संस्कार में डॉक्टर के परिवार से केवल तीन लोग उपस्थित रह सके क्योंकि कुछ और सदस्य भी इस परिवार के कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

बता दें कि राज्य में बेथानी अस्पताल के संस्थापक जॉन एल सेलिओ रेनथियांग की बुधवार की सुबह मौत हो गई थी जबकि उनकी पत्नी समेत उनके परिवार के छह सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं। अधिकारियों ने बताया कि बेथानी अस्पताल के शिलांग परिसर और री भोई जिले के नोंगपोह में इसके दूसरे परिसर को सील किया गया और उन्हें संक्रमण मुक्त किया गया। 

टॅग्स :कोरोना वायरसमेघालय
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेट6,6,6,6,6,6,6,6: रणजी ट्रॉफी में लगातार आठ छक्के, मेघालय के बल्लेबाज ने बनाई सबसे तेज फिफ्टी

ज़रा हटके"अपने ही देश में पराया फील कराया", दिल्ली में मेघालय की लड़की पर नस्लवादी टिप्पणी; वीडियो देख किरेन रिजिजू ने दी प्रतिक्रिया

भारतमेघालय मंत्रिमंडलः 8 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, 7 नए विधायक बनेंगे मंत्री, देखिए लिस्ट

क्राइम अलर्टRaja Raghuvanshi Murder Case: सोनम ने पति राजा की हत्या की योजना कैसे बनाई? 790 पन्नों की चार्जशीट में चौंकाने वाले खुलासे

स्वास्थ्यआइजोल, पूर्वी खासी हिल्स, पापुमपारे, कामरूप शहरी और मिजोरम में कैंसर की उच्चतम दर, 2015 से 2019 के बीच देशभर में 7.08 लाख मामले और 2.06 लाख मौतें

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत