Coronavirus lockdown: मानसून से पहले खरीफ फसलों की बुवाई शुरू, धान का रकबा 27 प्रतिशत बढ़ा

By भाषा | Published: April 10, 2020 09:34 PM2020-04-10T21:34:58+5:302020-04-10T21:34:58+5:30

पीएम गरीब कल्याण पैकेज के हिस्से के रूप में 6.39 करोड़ से अधिक किसानों के बीच 12,771 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। जन धन खाते वाली महिलाओं के लिए घोषित नकद लाभ भी उनमें से अधिकांश तक पहुंच गए हैं। 

Coronavirus lockdown Sowing kharif crops starts monsoon paddy acreage increases 27 percent | Coronavirus lockdown: मानसून से पहले खरीफ फसलों की बुवाई शुरू, धान का रकबा 27 प्रतिशत बढ़ा

खरीफ में दलहन और तिलहन के अलावा धान मुख्य खरीफ फसल होती है। (file photo)

Highlightsधान की खेती का रकबा पिछले सत्र की तुलना में 27 प्रतिशत बढ़कर 32.58 लाख हेक्टेयर हो गया। कृषि मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।बुवाई का काम, दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) की शुरुआत के साथ गति पकड़ेगा। मानसून के दौरान देश की कुल वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत बारिश होती है।

नई दिल्लीः कोविड-19 वायरस प्रकोप के कारण लागू ‘लॉकडाऊन’ के बीच देश भर में मानसून से पहले खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो गई है।

इसमें धान की खेती का रकबा पिछले सत्र की तुलना में 27 प्रतिशत बढ़कर 32.58 लाख हेक्टेयर हो गया। कृषि मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। बुवाई का काम, दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) की शुरुआत के साथ गति पकड़ेगा। मानसून के दौरान देश की कुल वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत बारिश होती है।

खरीफ में दलहन और तिलहन के अलावा धान मुख्य खरीफ फसल होती है। मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने शुक्रवार तक 32.58 लाख हेक्टेयर में धान बोया है, जो पिछले साल इसी अवधि के 23.81 लाख हेक्टेयर के रकबे से 27 प्रतिशत अधिक है। खरीफ मौसम जून से शुरू होता है और सितंबर माह में समाप्त होता है। बुवाई का काम मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में 3.13 लाख हेक्टेयर, असम में 2.73 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 1.64 लाख हेक्टेयर और छत्तीसगढ़ में 1.50 लाख हेक्टेयर रकबे में हुआ है।

मंत्रालय ने कहा कि तमिलनाडु में बुवाई का रकबा 1.30 लाख हेक्टेयर है जबकि बिहार में 1.22 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 0.65 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 0.59 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 0.54 लाख हेक्टेयर और केरल में 0.46 लाख हेक्टेयर हैं। समीक्षाधीन अवधि में दलहन बुवाई का रकबा बढ़कर पहले के 3.01 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.97 लाख हेक्टेयर हो गया। इसमें से, 2.59 लाख हेक्टेयर में हरा चना और 1.23 लाख हेक्टेयर में कालाचना बोया गया है और 0.15 लाख हेक्टेयर में अन्य दलहनी फसलें लगाई गई हैं।

इसी तरह, मोटे अनाजों का रकबा एक साल पहले 4.33 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल के चालू खरीफ सत्र में अब तक 5.54 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है। इसमें से 2.81 लाख हेक्टेयर में मक्का और 2.51 लाख हेक्टेयर में बाजरे की बुवाई की गई है। तिलहन मामले में भी, समीक्षाधीन अवधि में बुवाई का रकबा पहले के 5.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.66 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसमें से मूंगफली 4.08 लाख हेक्टेयर में बोई गई है, जबकि 2.13 लाख हेक्टेयर में तिल की बुवाई हुई है।

सभी खरीफ फसलों के तहत खेती का कुल रकबा इस वर्ष अब तक बढ़कर 48.76 लाख हेक्टेयर हो गया है जो रकबा पिछले साल 37.12 लाख हेक्टेयर था। कोविड-19 की रोकथाम के लिए, सरकार ने किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई के समय किसी भी संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क पहनने और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने के अलावा बुवाई के समय सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी है।

इस बीच, सरकार ने 16 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया है, जिसमें धान जैसी खरीफ फसलों की बुवाई के लिए एक रणनीति तैयार की जायेगी तथा कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विचार किया जायेगा।

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