कोविड-19: गृह मंत्रालय ने अधिकार प्राप्त समूहों का पुनर्गठन किया, इस कारण से करना पड़ा ये बदलाव
By भाषा | Updated: May 2, 2020 15:40 IST2020-05-02T15:40:09+5:302020-05-02T15:40:09+5:30
कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच केंद्र सरकार द्वारा बनाए अधिकारियों के 11 अधिकार प्राप्त समूहों को पुन: गठित किया गया है। ये समूह आपदा प्रबंधन कानून के तहत 29 मार्च को बनाए गए थे।

कोविड-19 गृह मंत्रालय ने अधिकार प्राप्त समूहों का पुनर्गठन किया (फाइल फोटो)
देश में कोविड-19 से संबंधित रोकथाम के कदमों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए अधिकारियों के 11 अधिकार प्राप्त समूहों को पुन: गठित किया गया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सबसे पहले ये समूह आपदा प्रबंधन कानून के तहत 29 मार्च को बनाए गए थे। कुछ सदस्यों के सेवानिवृत्त होने, कहीं और नियुक्त होने या तबादला होने के कारण इन समूहों का पुन: गठन किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अधिकार प्राप्त समूहों के पुनर्गठन का आदेश शुक्रवार को जारी किया। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 से संबंधित गतिविधियों की योजना और उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत अधिकार प्राप्त समूहों का पुनर्गठन किया गया।’’
आदेश के अनुसार, उनके नियम एवं शर्ते पहले की तरह होंगी। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को गैर-कोविड अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पीपीई के तर्कसंगत उपयोग के लिए भी अतिरिक्त गाइडलाइंस जारी की थी। इसके अनुसार हल्के, मध्यम और सर्वाधिक खतरे वाले इलाकों में किस तरह के पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, इसका निर्देश दिया गया था।
शुक्रवार को केंद्र सरकार ने देश भर में लॉकडाउन को भी दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया। अब ये 17 मई तक लागू रहेगा। इसके साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिले का वर्गीकरण रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में किया गया।
देश में लागू लॉकडाउन के दूसरे चरण के समाप्त होने से पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में 130 जिलों को रेड जोन, 284 को ऑरेंज जोन और 319 को ग्रीन जोन घोषित किया। इन इलाकों में कोविड-19 मामलों की संख्या, मामलों के दोगुना होने की दर, जांच की क्षमता और निगरानी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर इन्हें श्रेणीबद्ध किया गया है।