कोरोना वायरस से जंग: भारत के 1200 इलाके कंटेनमेंट जोन घोषित, कर्फ्यू से भी ज्यादा कड़ाई, इन इलाकों में रहें बचकर

By निखिल वर्मा | Published: April 10, 2020 10:43 AM2020-04-10T10:43:07+5:302020-04-10T10:49:08+5:30

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जिन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है, वहां कोरोना वारियर्स घर-घर तक जरूरी पहुंचाने का काम करेंगे।

Coronavirus live update India sets up 1200 Covid-19 containment zones Maharashtra tops this list | कोरोना वायरस से जंग: भारत के 1200 इलाके कंटेनमेंट जोन घोषित, कर्फ्यू से भी ज्यादा कड़ाई, इन इलाकों में रहें बचकर

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsओडिशा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने सोशल मीडिया पर नक्शे जारी किए हैं, जो कंटेनमेंट जोन के बारे में सूचना देते हैंदिल्ली में कंटेनमेंट जोन के दो किलोमीटर के भीतर आने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जा रही है

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों और कोविड-19 मरीजों के मौतों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार सुबह तक भारत में कोरोना वायरस केसों की संख्या 6412 हो गई है और इससे 199 लोगों की मौत हो गई है। भारत का हाल अमेरिका और यूरोपीय देशों जैसा ना हो, इसके लिए केंद्र/राज्य सरकारें हर तरह के प्रयास कर रहे हैं। भारत ने कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करते हुए देश भर में 1200 इलाकों को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया है। ये क्षेत्र पूरी तरह सील हैं और यहां लॉकडाउन से ज्यादा कड़े प्रतिबंध लागू हैं। इसका मकसद कोरोना वायरस के प्रसार को सीमित करना है।

कंटेनमेंट जोन में अपार्टमेंट, ब्लॉक, पूरा मोहल्ला या पूरा जिला भी शामिल हैं। विभिन्न राज्यों में इसका दायरा अलग-अलग है। इन इलाकों में पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को छोड़कर किसी के प्रवेश करने की या बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

कंटेनमेंट जोन की घोषणा लॉकडाउन की अवधि के 15 दिन बीत जाने के बाद हुई है। पिछले कुछ दिनों में स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकारों ने बड़ी संख्या में कंटेनमेंट जोन बनए हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, अकेले महाराष्ट्र में यह संख्या 401 है, जिसमें मुंबई में 381 और पुणे में 20 ऐसे क्षेत्र हैं। उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में 105, राजस्थान में 38, मध्य प्रदेश में 180, तमिलनाडु में 220, दिल्ली में 23, तेलंगाना में 125, हरियाणा में 36 और आंध्र प्रदेश में अब तक 121 जोन बने हैं।

हॉटस्पॉट्स (कई किलोमीटर तक फैले) की तुलना में कंटेनमेंट जोन अधिक स्थानीयकृत (रेडियस में एक किलोमीटर तक) हैं। इनका उद्देश्य कोविड-19 को एक इलाके या एक गांव से आस-पास के क्षेत्रों में फैलने से रोकना है। साधारण शब्दों में यह संक्रमण के प्रसार के खिलाफ बना एक अवरोधक है।

इन जोन में रहने वालों पर सरकारें विशेष ध्यान देंगी। यहां रहने वाले लोगों की कोविड-19 जांच की जाएगी, जिनमें वायरस का संक्रमण होगा, उनका इलाज किया जाएगा। साथ ही अगर कोई ठीक होकर घर आ चुका है या किसी संक्रमित शख्स के संपर्क में आया है, तो उसपर भी निगरानी रखी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संक्रमित और संक्रमित लोगों के संपर्क आए लोगों की पूरी निगरानी और ऐसे लोगों को होम क्वारंटाइन में रखा जाएगा। इन क्षेत्रों में निगरानी के लिए पुलिस के अलावा विशेष कार्य बल, 24 घंटे निगरानी करने वाली टीम, सीसीटीवी और ड्रोन की सहायता से हर पल नजर रखी जाएगी।

कंटेनमेंट जोन में क्या कर सकते हैं और क्या नहीं

-सील किए गए इलाकों में आप घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं
-बाहर निकलने पर आप पर कार्रवाई हो सकती है
- सरकार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी 
-किसी को भी इन क्षेत्रों से प्रवेश करने या वहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी
-निजी कंपनियों द्वारा की जा रही होम डिलीवर बंद रहेगी
- आवश्यक वस्तुओं की दुकानें और मेडिकल स्टोर भी रहेंगे बंद
-इन जगहों पर रहने वाले आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग जैसे डॉक्टर, पत्रकार और अन्य भी बाहर नहीं जा सकते.
- रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं जिला प्रशासन होम डिलीवरी के माध्यम से समस्त नागरिकों को पहुंचाएगा
- सिर्फ पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मी ही सील किए इलाकों में आ-जा सकेंगे
-लॉकडाउन में जारी हुए पास निरस्त माने जाएंगे

Web Title: Coronavirus live update India sets up 1200 Covid-19 containment zones Maharashtra tops this list

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