नई दिल्ली: कुछ कारणवश चीन की ओर से 5 लाख रैपिड टेस्ट किट (आरटीके) की आपूर्ति में लगातार देरी किए जाने से चिंतित भारत अब इन एंटीबॉडी किटों के लिए अन्य देशों के दरवाजे खटखटा रहा है. यह साफ है कि चीन के आपूर्ति में विफल रहने के बाद भारत अब दुनिया के आपूर्तिकताओं को 45 लाख रैपिड टेस्टिंग किट का आदेश देने पर विचार कर रहा है.यह भी पता चला है कि भारत ने अब किट के लिए स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर के दरवाजे खटखटाए हैं. तेजी से किट विकसित करने वाले अमेरिका से भी संपर्क किया जा रहा है. हालांकि अमेरिका इस समय खुद बदतर स्थिति का सामना कर रहा है.ये रैपिड टेस्ट किट तेजी से बड़े पैमाने पर परीक्षण करने और आरटी-पीसीआर परीक्षणों की तुलना में 30 मिनट के भीतर कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस समय इन आरटी-पीसीआर किट का उपयोग हो रहा है और जिससे परिणाम जानने में 5 घंटे तक का समय लगता है.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बताया कि भारत के स्टॉक में अगले छह हफ्तों के लिए आरटी-पीसीआर किट है. उन्होंने रैपिड टेस्ट किट की उपलब्धता के सवाल पर यह जानकारी दी. परीक्षण और नियंत्रण एजेंसी आईसीएमआर ने कहा था कि चीन से 5 लाख किट 8 अप्रैल तक आएगा. इसके प्रवक्ता ने बाद में चीन से किट की आपूर्ति की नई तारीख 15 अप्रैल बताई थी, लेकिन अब तक इनका कोई अता-पता नहीं है. यहां तक कि आईसीएमआर ने आज इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
हताश सरकार ने पिछले शनिवार को 45 लाख एंटीबॉडी परीक्षण किट की खरीद के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं. देश में कोरोना वायरस महामारी सामने आने के बाद से सरकारी और निजी लैब में में 2.32 लाख परीक्षण किए जा चुके हैं. कई लोगों का मानना है कि भारत ने पर्याप्त परीक्षण नहीं किए जिसके कारण 13 अप्रैल की रात तक पॉजिटिव मामलों की संख्या केवल 10363 थी.
नहीं बता सकता, कहीं अमेरिका तो नहीं भेज दी खेप
आईसीएमआर की संक्रामक रोग इकाई के प्रमुख डॉ. रमन आर. गंगाखेड़कर ने कहा, ''हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं कि चीन से भारत आने वाली रैपिड टेस्टिंग किट की खेप अमेरिका या कहीं और तो नहीं भेज दी गई है.'' उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के पास निर्माता या आपूर्तिकर्ता के वाणिज्यिक डाटा के बारे में जानने के लिए कोई संसाधन नहीं है.