Coronavirus: कैसे होता है कोरोना टेस्ट और चेक करने वाले के लिए ये कितना 'जोखिम भरा काम', एक डॉक्टर ने बताई आपबीती

By भाषा | Published: April 28, 2020 02:32 PM2020-04-28T14:32:53+5:302020-04-28T14:32:53+5:30

Coronavirus: कोरोना वायरस का संक्रमण भारत समेत पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। जानिए, आखिर कैसे कोरोना का टेस्ट किया जाता है और इसका टेस्ट कर रहे डॉक्टरों के लिए ये काम कितना खतरनाक साबित हो सकता है।

Coronavirus: How dangerous to collect corona sample this is what a doctor tells | Coronavirus: कैसे होता है कोरोना टेस्ट और चेक करने वाले के लिए ये कितना 'जोखिम भरा काम', एक डॉक्टर ने बताई आपबीती

कोरोना टेस्ट करने वाले चिकित्सकों के लिए ये 'बेहद जोखिम भरा काम' (फाइल फोटो)

Highlightsकिसी मरीज के गले या नाक से नमूना लेने में 30 से 40 सेकेंड से ज्यादा का वक्त नहीं लगता फिर भी ये जोखिम भरा कामऔरंगाबाद के डॉ पुष्कर दहीवाल के अनुसार 6 घंटे तक पानी पीने तक की फुर्सत नहीं मिल पाती है

औरंगाबाद: महाराष्ट्र के औरंगाबाद के एक अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने वाले एक चिकित्सक ने संदिग्ध मरीजों के नमूने एकत्रित करने में आ रही चुनौतियों एवं मुश्किल काम का खुलासा किया है।

औरंगाबाद के सरकारी अस्पताल में रोजाना 80 से 100 नमूने एकत्रित करने वाले डॉ पुष्कर दहीवाल ने बताया कि रूई के फाहे से किसी मरीज के गले या नाक से नमूना लेने में 30 से 40 सेकेंड से ज्यादा का वक्त नहीं लगता लेकिन यह 'बेहद जोखिम भरा काम' है।

उन्होंने बताया, 'हम तीन दिन काम करते हैं और फिर 14 दिन के लिए पृथक-वास में रहते हैं।' उन्होंने बताया कि छह घंटे की ड्यूटी के दौरान, चिकित्सकों को निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) पहने रहना पड़ता है और तेज गति से काम करते रहने के बीच उन्हें पानी पीने तक की फुर्सत नहीं मिल पाती है। डॉक्टर ने कहा, 'हमें मरीजों और नमूने देने के लिए आने वाले लोगों के संपर्क में आने से बचे रहने के लिए बहुत कम समय में काम खत्म करना पड़ता है।' 

उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति के गले से नमूना लेने के लिए 10 से 12 सेंटीमीटर लंबी छड़ी का इस्तेमाल किया जाता है जबकि नाक से नमूना लेने के लिए इस्तेमाल होने वाली छड़ी पतली और लंबी होती है। उन्होंने कहा, 'व्यक्ति के छींकने या खांसने से पहले, हमें नमूना एकत्र करने का काम खत्म होना पड़ता है। दंत चिकित्सक होने के कारण, मुझे मरीज के मुंह वाले हिस्से को संभालने का अभ्यास है।' 

दहीवाल ने यह भी बताया कि कई बार उन्हें कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की काउंसलिंग भी करनी होती है क्योंकि उनमें से कई को लगता है कि उन्हें संक्रमण नहीं है लेकिन जेहन में डर बसा होता है। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग सोचते हैं कि जांच कुछ अलग और खतरनाक है। लेकिन, हम उन्हें प्रक्रिया समझाते हैं ताकि उनका फिर से नमूना न लेना पड़े।' 

उन्होंने बताया कि नर्स और साथ में मौजूद अन्य स्टाफ को भी सतर्क रहना पड़ता है क्योंकि नमूनों को तुरंत सील करना होता है और उन्हें उचित संग्रहण केंद्र में रखना होता है। डॉक्टर ने कहा, 'अगर कोई नमूना गिर जाता है, तो यह समस्या हो सकती है। सारी चीजों को बहुत कम समय में खत्म करना होता है। इसलिए गलती की कोई गुंजाइश नहीं रहती।' 

Web Title: Coronavirus: How dangerous to collect corona sample this is what a doctor tells

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