Coronavirus: दिल्ली मेट्रो पर कोरोना की मार, इस महीने से कर्मचारियों की सैलरी में होगी कटौती
By विनीत कुमार | Updated: August 19, 2020 09:44 IST2020-08-19T08:33:55+5:302020-08-19T09:44:50+5:30
दिल्ली मेट्रो के कर्मचारियों की सैलरी कट को लेकर औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया है। कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं और भत्ते में 50 फीसदी की कटौती की गई है।

दिल्ली मेट्रो पर कोरोना की मार (फाइल फोटो)
कोरोना काल में पैसे की तंगी से जूझ रहे दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने बड़ा फैसला लेते हुए खर्चों में कटौती शुरू कर दी है। खर्चों में कटौती का बड़ा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ने जा रहा है। दरअसल डीएमआरसी ने अपने कर्मचारियों की सैलरी को इस महीने से कट करने का फैसला लिया है। इस संबंध में औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया गया है।
दिल्ली मेट्रो की ओर से जारी आदेश के अनुसार कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं और भत्ते (perks and allowances) में अगले आदेश तक 50 फीसदी तक की कटौती की जाएगी। साथ ही हाउस बील्डिंग एडवांस (HBA), मल्टीपरपज एडवांस, लैपटॉप एडवांस, फेस्टिवल एडवांस जैसे कई एडवांस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। हालांकि कर्मचारी अन्य सुविधाओं जैसे मेडिकल ट्रीटमेंट, टीए और डीए जैसी चीजों का लाभ ले सकेंगे।
डीएमआरसी ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद से मेट्रो सर्विस नहीं चलने की वजह से वित्तीय स्थिति खराब हो गई है और इसलिए ऐसे फैसले लेने पड़े हैं।
बता दें कि मार्च के आखिरी हफ्ते से ही दिल्ली मेट्रो के संचालन पर रोक लगी हुई है। दिल्ली मेट्रो के पास कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं है। हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से कहा था कि वह विभिन्न परियोजनाओं के लिये जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जिका) से लिये गये कम ब्याज दर वाले कर्ज को चुकाने के लिये दिल्ली सरकार से मदद मांगे। डीएमआरसी ने जिका से कुल 35,198 करोड़ रुपये के ऋण लिये हैं।
दिल्ली मेट्रो को जिका ने 1.2 प्रतिशत से 2.3 प्रतिशत तक की दर पर कर्ज दिये हैं। इन्हें 30 साल में चुकाया जाना है। डीएमआरसी ने अभी तक 3,337 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है और अब उसके ऊपर जिका का 31,861 करोड़ रुपये बकाया है।
कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के उपाय के मद्देनजर 22 मार्च से दिल्ली मेट्रो का संचालन बंद है। पिछले कुछ महीनों में सेवाओं के बंद होने से दिल्ली मेट्रो को लगभग 1,300 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।