सेरोलॉजिकल सर्वे होगा कोरोना के ‘लोकल ट्रांसमिशन’ से निपटने में मददगार

By एसके गुप्ता | Updated: July 14, 2020 19:55 IST2020-07-14T19:55:33+5:302020-07-14T19:55:33+5:30

सर्वे से अभी तक यह बात ही सामने आई है कि कोरोना  लोकल ट्रांसमिशन स्टेज में है, कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में नहीं है। जल्द ही स्वास्थ्य मंत्रालय सेरोलॉजिकल सर्वे की रपट जारी करेगा।

Coronavirus Delhi lockdown Serological survey will be helpful in dealing with Corona's 'local transmission' | सेरोलॉजिकल सर्वे होगा कोरोना के ‘लोकल ट्रांसमिशन’ से निपटने में मददगार

लिंग, उम्र और जनसंख्या घनत्व के महत्व को ध्यान में रखते हुए जिलेवार विश्लेषण किया जा रहा है। (photo-ani)

Highlightsआईसीएमआर का कहना है कि सेरोलॉजिकल सर्वे कोरोना संक्रमण को रोकने में मददगार साबित होगा।इस सारी कवायद से यह समझने में मदद मिलेगी कि आबादी के कितने हिस्से में कोरोना फैला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण ने कहा कि हाल ही में दिल्ली सहित पैन इंडिया में सेरोलॉजिक सर्वे किया गया है।

नई दिल्लीः राज्यों में कोरोना का फैलाव किस स्तर तक फैला हुआ है। लोगों में इससे लड़ने की क्षमता क्या विकसित हो रही है। यह जांचने के लिए दिल्ली और मुंबई में हाल ही में सेरोलॉजिकल सर्वे किया गया है। इसमें पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की बनाई कोविड कवच एलिसा किट्स इस्तेमाल हुई है।

इस सारी कवायद से यह समझने में मदद मिलेगी कि आबादी के कितने हिस्से में कोरोना फैला है। आईसीएमआर का कहना है कि सेरोलॉजिकल सर्वे कोरोना संक्रमण को रोकने में मददगार साबित होगा। सर्वे से अभी तक यह बात ही सामने आई है कि कोरोना  लोकल ट्रांसमिशन स्टेज में है, कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में नहीं है। जल्द ही स्वास्थ्य मंत्रालय सेरोलॉजिकल सर्वे की रपट जारी करेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण ने कहा कि हाल ही में दिल्ली सहित पैन इंडिया में सेरोलॉजिक सर्वे किया गया है। उसका एनालेसिस किया जा रहा है। जिस पर आईसीएमआर और अन्य एजेंसियां अपना विश्लेषण तैयार कर रही हैं।

इसमें लिंग, उम्र और जनसंख्या घनत्व के महत्व को ध्यान में रखते हुए जिलेवार विश्लेषण किया जा रहा है। जिससे कोरोना की जंग में कंटेनमेंट जोन बनाकर टेस्टिंग बढ़ाते हुए क्लीनिकल ट्रीटमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर  संक्रमित व्यक्ति को कोविड केयर सेंटर या हेल्थ सेंटर में उपचार के लिए भेजा जाएगा। जिससे संक्रमण फैलाव को रोका जा सकेगा।

सेरोलॉजिकल सर्वे में ब्लड सैंपल लेकर यह पता लगाया जाता है कि कोरोना की चपेट में आने के बाद खुद ठीक हुए मरीज में किस तरह की एंटीबॉडी बनी है और किस तरह इन एंटीबॉडीज ने कोरोना संक्रमण को हराने में मदद की है। एंटीबॉडी दरअसल वह प्रोटीन है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। दिल्ली से एंटीबॉडी टेस्टिंग के लिए सेरोलॉजिकल सर्वे में कुल 22823 सैंपल लिए गए हैं।

Web Title: Coronavirus Delhi lockdown Serological survey will be helpful in dealing with Corona's 'local transmission'

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