कोविड-19 महामारीः सीएम गहलोत बोले- संकट की इस घड़ी में पड़ोसी राज्यों को जांच सुविधा उपलब्ध कराएगा राजस्थान

By धीरेंद्र जैन | Updated: June 15, 2020 21:11 IST2020-06-15T21:11:01+5:302020-06-15T21:11:01+5:30

कोरोना की शुरूआत में हमारी टेस्ट क्षमता शून्य थी, जो अब बढ़कर 15 हजार प्रतिदिन से अधिक हो गई है। हमारी सरकार तकलीफ के इस समय में कोरोना की जांच के लिए पड़ोसी राज्यों को सहयोग देने के लिए तैयार है।

Coronavirus Delhi lockdown Rajasthan jaipur covid-19 CM ashok Gehlot provide investigation facility neighboring states | कोविड-19 महामारीः सीएम गहलोत बोले- संकट की इस घड़ी में पड़ोसी राज्यों को जांच सुविधा उपलब्ध कराएगा राजस्थान

उन्हें आगाह किया जाए कि नियमों की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। (photo-lokmat)

Highlightsमुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि कोरोना को लेकर राजस्थान शुरू से ही सतर्क रहा।गंभीर बीमारियों से पीड़ित हाई रिस्क वाले लोगों की निरंतर मॉनिटरिंग एवं सभी घरों में लगातार स्क्रीनिंग के कारण कोरोना से हमारी रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही।अनलॉक-1 के बाद ये देखने में आया है कि लोग कोरोना के तहत हेल्थ प्रोटोकॉल की गंभीरता के साथ पालना नहीं कर रहे हैं।

जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस विकट समय में लोगों का जीवन बचाना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

ऐसे में राजस्थान आवश्यकता होने पर पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं गुजरात को 5 हजार टेस्ट प्रतिदिन तक राज्य में करवाने की सुविधा उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की शुरूआत में हमारी टेस्ट क्षमता शून्य थी, जो अब बढ़कर 15 हजार प्रतिदिन से अधिक हो गई है। हमारी सरकार तकलीफ के इस समय में कोरोना की जांच के लिए पड़ोसी राज्यों को सहयोग देने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि कोरोना को लेकर राजस्थान शुरू से ही सतर्क रहा। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने, गंभीर बीमारियों से पीड़ित हाई रिस्क वाले लोगों की निरंतर मॉनिटरिंग एवं सभी घरों में लगातार स्क्रीनिंग के कारण कोरोना से हमारी रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही और राजस्थान में फिलहाल कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है।

उन्होंने कहा कि अनलॉक-1 के बाद ये देखने में आया है कि लोग कोरोना के तहत हेल्थ प्रोटोकॉल की गंभीरता के साथ पालना नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षा के साथ-साथ आजीविका भी बेहद जरूरी है, इसे देखते हुए लॉकडाउन खोला गया है, लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। लोग हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना करें अन्यथा संक्रमण बढ़ सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि जो भी मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित अन्य नियमों का उल्लंघन करे, उन्हें सख्ती से रोका जाए। उन्हें आगाह किया जाए कि नियमों की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की पालना के कारण परिजन के निधन के बाद शोकाकुल परिवार अस्थियों का विसर्जन करने नहीं जा पाए थे, राज्य सरकार ने उनके लिए मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा शुरू की थी, जिससे बड़ी संख्या में लोग अस्थि विसर्जन के लिए जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के लिए यह बस सेवा जारी रखी जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने मनरेगा योजना में श्रमिकों के नियोजन की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि इन दिनों प्रदेश में भीषण गर्मी और लू की स्थिति है। इस कारण श्रमिकों को इसके विपरीत असर से बचाना जरूरी है। साथ ही तेज गर्मी के कारण औजार आदि गर्म होने से श्रमिकों को काम करने में काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला कलक्टर यह सुनिश्चित करें कि श्रमिक सुविधा के अनुसार अपना टास्क पूरा कर 11 बजे अथवा उससे पहले भी जा सकें। साथ ही कार्यस्थलों पर दवा, छाया एवं पानी की उचित व्यवस्था उपलब्ध हो।

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