कोरोना संकट: संसद सत्र को लेकर बड़ी तैयारी, पहली बार होगा ऐसा, लोकसभा और राज्यसभा में आ सकेंगे बस इतने सदस्य
By हरीश गुप्ता | Published: June 10, 2020 07:10 AM2020-06-10T07:10:53+5:302020-06-10T07:11:15+5:30
देश में लगातार कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामलों के बीच संसद सत्र को लेकर भी चर्चा जारी है. माना जा रहा है कि कम सदस्यों के साथ संसद के दोनों सत्रों का आयोजन किया जा सकता है.
संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की बारी-बारी से उपस्थिति के प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आधिकारिक रूप से अधिकारियों के साथ मंगलवार को चर्चा की. हालांकि, सत्र के दौरान दोनों सदनों के निर्धारित सभागृह में ही बैठकें होंगी, पर बहुत कम सदस्यों के साथ.
'लोकमत समाचार' ने दी सबसे पहले खबर
बता दें कि लोकमत समाचार ने सबसे पहले खबर दी थी कि सांसदों को बारी-बारी से बुलाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जा रही है. दोनों सदनों के महासचिवों ने जानकारी दी कि यदि सुरक्षित दूरी के नियमों का पालन करना है तो राज्यसभा में 60 से ज्यादा और लोकसभा में 100 से अधिक सदस्यों की मौजूदगी नहीं रखी जा सकती है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि एक समय में सिर्फ उतने ही सदस्यों को आमंत्रित किया जाए, जितने में सुरक्षित दूरी के नियमों का पालन किया जा सके. इसके लिए सदन की कार्यवाही में चर्चा में आनेवाले विषयों में भाग लेने वाले सदस्यों को ही आने की अनुमति दी जाए. इसके लिए विभिन्न पार्टियों के सीमित सदस्यों की सूची बना ली जाए.
संसद के केंद्रीय सभागार में लोकसभा सत्र आयोजित करना प्रचालन संबंधी दिक्कतों के कारण संभव नहीं है. विज्ञान भवन में भी लोकसभा सत्र आयोजित करना सदस्यों की संख्या के हिसाब से व्यवहारिक नहीं है. नाडयू और बिड़ला ने दोनों महासचिवों से सदस्यों की वर्चुअल (आभासी) मौजूदगी की संभावना के बारे में भी जानकारी मांगी है.