महाराष्ट्र के बाद पंजाब के 7 जिलों में नाइट कर्फ्यू, नागपुर और अकोला में लॉकडाउन, 15 मार्च तक सख्ती, जानें सबकुछ
By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 12, 2021 19:04 IST2021-03-12T13:40:58+5:302021-03-12T19:04:25+5:30
महाराष्ट्र में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या एक लाख के पार चली गई है। राज्य में 1,06,070 लोग संक्रमण का उपचार करा रहे हैं।

महाराष्ट्र में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के 14,317 मरीज मिले जो इस साल एक दिन में सबसे ज्यादा हैं। (file photo)
नई दिल्लीः कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए नागपुर के बाद अकोला में 15 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया है। पुणे में नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा।
पंजाब के इन 7 जिलों में लुधियाना, पटियाला, मोहाली, जालंधर, नवाशहर, होशियारपुर, फतेहगढ़ साहिब और कपूरथला शामिल हैं। पंजाब में भी कोरोना के नए मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बीच पंजाब के मुख्य स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पंजाब के 7 जिलों में आज से नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।
अकोला में शुक्रवार शाम 8 बजे से सोमवार सुबह 8 बजे तक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। पुणे में रात 11 बजे सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा। महाराष्ट्र में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के 14,317 मरीज मिले जो इस साल एक दिन में सबसे ज्यादा हैं। पुणे में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक होटल बंद रहेंगे।
Punjab: Night curfew to remain imposed in Mohali and Fatehgarh Sahib from 12th March until further orders from 11 pm - 5 am, in the wake of rise in #COVID19 cases.
— ANI (@ANI) March 12, 2021
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि परभणी जिले में COVID19 मामलों में वृद्धि के कारण लॉकडाउन करने का फैसला किया है। आज रात 12 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लागू होगी। हम परभणी और अन्य पड़ोसी जिलों के लोगों से सहयोग की अपील करते हैं वो सहयोग करें।
स्कूलों और कॉलेजों को 31 मार्च तब बंद रखने का निर्देश
महाराष्ट्र के पुणे जिले में कोविड-19 के मामलों में हाल में देखी गई वृद्धि के मद्देनजर जिला प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को 31 मार्च तब बंद रखने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही होटलों एवं रेस्तरांओं को खुला रखने के समय में भी कटौती की गई है। पुणे के संभागीय आयुक्त सौरभ राव ने बताया कि नयी पाबंदियों के तहत स्कूल और कॉलेज 31 मार्च तक बंद रहेंगे जबकि होटलों एवं रेस्तरांओं को रात 10 बजे तक ही खोलने की अनुमति होगी और घर तक खाना पहुंचाने की सेवा रात 11 बजे तक ही मिलेगी।
उन्होंने कहा कि प्रशासन सुनिश्चित करेगा कि 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारियां इसकी वजह से प्रभावित नहीं हों। अधिकारी ने बताया कि होटल और रेस्तरांओं का परिचालन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ करने की अनुमति होती और उन्हें एक बोर्ड लगाना होगा जिसमें एक समय में अधिकतम लोगों की उपस्थित होने की अनुमति संबंधी जानकारी होगी।
राव ने कहा कि लोगों को रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक बिना वजह सड़कों पर घूमने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही शादी, अंतिम संस्कार, राजनीतिक एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक होगी एवं इस नियम का उल्लंघन करने पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि शहर के सभी पार्क और उद्यान शाम को बंद रहेंगे, हालांकि, सुबह टहलने के लिए इनको खोला जाएगा। मॉल और मल्टीप्लेक्स का परिचालन रात में 11 बजे तक होगा।
महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में कड़ाई से लॉकडाउन लागू किया जाएगा : ठाकरे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए राज्य के कुछ हिस्सों में कड़ाई से लॉकडाउन लागू किया जाएगा। मंत्री नितिन राउत ने नागपुर में कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के मद्देनजर 15 से 21 मार्च के बीच ''सख्त लॉकडाउन'' लागू करने की घोषणा की। वह नागपुर के प्रभारी मंत्री हैं। पिछले महीने अमरावती में लॉकडाउन लागू किया गया, जबकि अमरावती संभाग के अन्य जिलों में कुछ पाबंदियां लगाई गईं। इस बीच मुख्यमंत्री ने जे जे अस्पताल में ‘कोवैक्सीन’ की पहली खुराक ली।
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 23,285 नए मामले
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 23,285 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,13,08,846 हो गई। मिजोरम में 13 वर्षीय एक किशोर के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4,435 हो गई।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक दिन में कोविड-19 के 937 नए मामले सामने आने के बाद यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,73,130 हो गई। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लागू प्रतिबंधों के बीच ठाणे के कल्याण में एक विवाह में करीब 700 लोग शामिल हुए जिसके बाद पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
कुल मामले 22,66,374
इसके बाद कुल मामले 22,66,374 पहुंच गए हैं। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 57 संक्रमितों के दम तोड़ने के बाद राज्य में मृतक संख्या 52,667 पहुंच गई है। बीते साल सात अक्टूबर को एक दिन में 14,578 नए मामले रिपोर्ट हुए थे जिसके बाद से दैनिक मामलों में गिरावट दर्ज होने लगी थी।
कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 15 से 21 मार्च तक पुलिस आयुक्तालय की हद में कर्फ्यू सहित सख्त लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है। कोविड-19 संक्रमण को लेकर गुरुवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद पालकमंत्री नितिन राऊत ने यह ऐलान किया।
लॉकडाउन में नहीं कटेंगे बिजली कनेक्शन
नागपुर शहर में 15 मार्च से लागू हो रहे लॉकडाउन के दौरान बकायादारों के बिजली कनेक्शन नहीं कटेंगे। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने यह जानकारी देते हुए कहा कि लॉकडाउन के इलाके में बिजली नहीं काटने के स्पष्ट नियम हैं। इस नियम का पालन होगा। लॉकडाउन के बाद पुन: मुहिम आरंभ होेगी। 15 मार्च से शहर में जहां लॉकडाउन आरंभ हो रहा है, उसमें से अधिकांश इलाके इसी सर्कल में आते हैं।
बुधवार को एक दिन में 1700 से अधिक संक्रमित मिले
राऊत ने कहा कि पिछले वर्ष नवंबर के बाद हालात काबू में आ रहे हैं। लेकिन अब पुन: संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को एक दिन में 1700 से अधिक संक्रमित मिले। ऐसे में लोेगों के जीवन को बचाने के लिए सख्त लॉकडाउन के अलावा अन्य कोई पर्याय नहीं है।
यह बंद रहेंगेः शहर के स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालय, कोचिंग क्लास, प्रशिक्षण संस्था
शहर सीमा के अंदर धार्मिक-राजनीतिक सभा, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम
शहर के सभागृह, मंगल कार्यालय, लॉन एवं अन्य स्थान पर होने वाले विवाह समारोह
धार्मिक स्थल नागरिकों के लिए रहेंगे बंद
नियमित पूजा-अर्चना पांच लोगों की उपस्थिति में होगी
शहर के सभी साप्ताहिक बाजार
रेस्टॉरेंट, होटल आदि (होम डिलीवरी आरंभ रहेगी)
स्विमिंग पूल
क्रीड़ा स्पर्धाओं का आयोजन
सभी निजी कार्यालय (आर्थिक लेखा सेवाएं छोड़कर)
मॉल, सिनेमा हॉल, नाट्यगृह
दुकानें, मार्केट
नागरिकों के लिए शहर के उद्यान
व्यायामशाला, जिम - शहर दुकानें (होम डिलीवरी आरंभ) बॉक्स यह सब रहेंगे आरंभ
स्वास्थ्य सेवाएं, दवा दुकानें - समाचार पत्र, मीडिया से जुड़ी सेवाएं
दूध बिक्री एवं आपूर्ति. -सब्जी बिक्री एवं आपूर्ति
फल बिक्री एवं आपूर्ति
पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी - सभी परिवहन सेवा (50 फीसदी क्षमता से)
सरकारी-अर्धसरकारी कार्यालय (अत्यावश्यक सेवा छोड़कर ) में 25 फीसदी उपस्थिति
माल परिवहन सेवाएं निर्माण कार्य, उद्योग, कारखाने
किराना दुकानें
अंडे, मांसाहार दुकानें
पशु खाद्य की दुकानें -बैंक, डाक सेवाएं
कोविड टीकाकरण केंद्र एवं टेस्टिंग सेंटर
चश्में की दुकानें
खाद- बीज दुकानें - होटल, लॉज (50 फीसदी क्षमता से.)
Due to increase in #COVID19 cases in Parbhani district, we have decided that lockdown will be imposed tonight from 12 am upto Monday morning 6 am. We appeal to the people of Parbhani and other neighbouring districts, to cooperate: Nawab Malik, Maharashtra cabinet minister pic.twitter.com/WeekDXX4LR
— ANI (@ANI) March 12, 2021
बहरहाल महाराष्ट्र में 14 फरवरी से दैनिक नए मामलों में बढ़ोतरी होने लगी। नागपुर शहर में सबसे ज्यादा 1701 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके बाद पुणे में 1514 और मुंबई नगर में 1509 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। मुंबई में कोविड-19 के कुल मामले 3,38,643 पहुंच गए हैं तथा चार और लोगों की मौत के बाद शहर में कुल 11,519 संक्रमितों की मृत्यु हो चुकी है।
पंचायत चुनावों में जमावड़ा, नियमों की अनदेखी से महाराष्ट्र में बढ़े संक्रमण के मामले : विशेषज्ञ
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी को विशेषज्ञ इस साल मध्य जनवरी में ग्राम पंचायत के हुए चुनाव और आम लोगों के साथ नेताओं द्वारा कोविड-19 से जुड़े नियमों के पालन में बरती ढिलाई से जोड़कर देखते हैं।
मुंबई, पुणे और ठाणे ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा इलाके समेत विभिन्न शहरों और नगरों में मामले बढ़े हैं। संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के कई शहरों और जिलों में लॉकडाउन या विभिन्न पाबंदी लगायी गयी है। मुंबई के एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, ‘‘जनवरी और फरवरी में राजनीतिक दलों ने रैलियां की।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख के तौर पर नाना पटोले की नियुक्त के बाद भी बड़ी रैली की गयी थी।’’ उन्होंने कहा कि पटोले ने मुंबई में बड़ी रैली की थी और वह नागपुर समेत कई स्थानों पर गए थे जहां पार्टी के कार्यकर्ताओं, समर्थकों ने मास्क पहनने और उचित दूरी के नियमों का पालन नहीं किया। इसी तरह तत्कालीन वन मंत्री संजय राठौड़ ने वासिम और यवतमाल जिलों में शक्ति प्रदर्शन किया था। पटोले और राठौड़ इस तरह के जमावड़ा से बच सकते थे लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया।