मुंबईः महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि राज्य में और 67 लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि होने के साथ ही राज्य में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 490 हुई।
महाराष्ट्र में आज 67 नए कोरोनोवायरस पॉजिटिव केस सामने आए हैं। राज्य में मामलों की कुल संख्या 490 हो गई है। राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई, आज 6 की मौत हुई है। 50 लोगों की छुट्टी दे दी गई है।
1225 लोग, जो दिल्ली में तबलीकी जमात कार्यक्रम से लौटे थे, उनकी पहचान की गई है, 1033 स्थित हैं। 738 लोगों को छोड़ दिया गया है। उनमें से 7 ने अब तक Coronavirus के लिए पॉजिटिव पाया गया है, जिनमें से 2 पुणे, अहमदनगर और पिंपरी चिंचवाड़ से हैं और 1 सांगली से हैं।
पुणे में संक्रमण के 11 नए मामले सामने आए, आंकड़ा 71 तक पहुंचा
पुणे में शुक्रवार को कोविड-19 के 11 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 71 हो गई। जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनमें से 57 मामले पुणे शहर के जबकि 14 पड़ोसी इलाके पिंपरी चिंचवड़ से हैं। नवल ने कहा, '' 11 नए मामलों में दो निजी अस्पताल, राज्य संचालित सासून अस्पताल और पुणे नगर निगम के नायडू अस्पताल में दर्ज किए गए हैं।''
महाराष्ट्र में कोविड-19 के लक्षणों को लेकर नौ लाखों लोगों पर सर्वेक्षण किया गया : टोपे
महाराष्ट्र सरकार की ‘समूह नियंत्रण कार्य योजना’ के तहत कोरोना वायरस के लक्षणों को लेकर करीब नौ लाख लोगों का सर्वेक्षण किया गया। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। शुरू में इस योजना को उन इलाकों में लागू किया गया जहां तीन या उससे ज्यादा मरीज पाए गए हैं। मरीज जहां पाया गया उसके तीन किलोमीटर के दायरे वाले इलाके को नियंत्रण क्षेत्र के तौर पर चिह्नित किया गया और संक्रमण के संभावित मामलों को लेकर वहां सर्वेक्षण किया गया।
मंत्री ने कहा कि लेकिन अब कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने आने के बाद आस-पास के इलाके को नियंत्रण क्षेत्र माना जा रहा है और सरकारी दस्ते घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रहे हैं। बृहस्पतिवार की रात तक, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 423 मामले सामने आये।
टोपे ने एक बयान में कहा, “समूह नियंत्रण कार्य योजना के तहत करीब 2,455 दस्ते 18 जिलों में काम कर रहे हैं।” मंत्री ने कहा, “कल तक, 9,25,828 लोगों का सर्वेक्षण किया गया।” स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान बुखार, सर्दी, खांसी और सांस में तकलीफ जैसे लक्षणों को लेकर लोगों की जांच की जाती है है और अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध मरीज नजर आता है तो उसे स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी अस्पताल भेजने का प्रबंध करते हैं।