Coronavirus: समुद्र में फंसे हैं हजारों भारतीय नाविक, केंद्रीय मंत्री ने कहा- निकालने की योजना बना रही सरकार
By भाषा | Published: April 28, 2020 02:14 PM2020-04-28T14:14:40+5:302020-04-28T14:14:40+5:30
दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में शुरू हुआ कोरोना वायरस महामारी दुनिया के 193 देशों में फैल चुका है। भारत के हजारों नाविक जगह-जगह फंसे हैं। सरकार निकालने के लिए कार्य योजना बना रही है।
नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों पर फंसे नाविकों को निकालने के लिए सरकार जल्द एक योजना पेश करेगी। केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने कहा कि इस योजना को बनाने का काम जारी है।
क्रूज और मालवाहक जहाजों पर काम करने वाले हजारों भारतीय नाविक अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों पर फंसे हैं। समुद्र क्षेत्र के संगठनों/निकायों ने उन्हें सकुशल वहां से निकालकर घर लाने की मांग की है। उनकी चिंता है कि जहाजों और नाविकों को निकालने में देरी से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है।
मंडाविया ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं फंसे नाविकों का ब्यौरा हासिल करने का प्रयास कर रहा हूं। इसके आधार पर पोत परिवहन मंत्रालय उनको निकालने की योजना बनाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस कठिन समय में भारतीय नाविकों के समक्ष आ रही चुनौतियों को लेकर चिंतित हूं। मैं इस कठिन समय में दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला को चालू रखने में उनके योगदान की सराहना करता हूं।’
मंत्री ने कहा कि हालात में सुधार के बाद नाविकों को निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय बंदरगाहों पर ड्यूटी पर आने-जाने (साइन-आफ और साइन आन) की प्रक्रिया को सुगम बनाने को एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई जाएगी। मंडाविया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों पर फंसे भारतीय नाविकों के बारे में समुद्र क्षेत्र के निकायों से जानकारियां जुटायी जा रही हैं।
पीटीआई ने रविवार को खबर दी थी कि समुद्र क्षेत्र के निकायों ने फंसे नाविकों को निकालने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और पोत परिवहन मंत्रालय से हस्तक्षेप की अपील की है। कोविड-19 की वजह से भारतीय हवाई क्षेत्र में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं।
ऐसे में समुद्र क्षेत्र के निकायों ने अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों में फंसे अपने नाविकों को वापस लाने के लिए रणनीति बनाने में सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है। फिलिपींस के बाद भारत नाविकों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। उद्योग के अनुमान के अनुसार करीब एक लाख नाविक भारतीय और विदेशी ध्वज वाले ढुलाई जहाजों पर काम करते हैं। अभी भारतीय नाविकों को पोत परिवहन महानिदेशालय द्वारा तय मानक परिचालन प्रक्रियाओं का अनुपालन करते हुए उतरने की अनुमति है।