Shramik Specials: अब तक कुल 302 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलीं, करीब 3 लाख कामगार घर पहुंचे, सबसे ज्यादा ट्रेनें गुजरात से रवाना
By भाषा | Published: May 9, 2020 07:20 PM2020-05-09T19:20:37+5:302020-05-09T19:20:37+5:30
देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन है। इस बीच प्रवासी कामगार अपने घर जाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। रेलवे के अनुसार करीब 3 लाख मजदूर घर पहुंच गए हैं।
नई दिल्लीः भारतीय रेल ने एक मई से अभी तक कुल 302 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलायीं हैं जिनके माध्यम से कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे कामगारों में से तीन लाख से ज्यादा को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया है।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रेल ने शनिवार को 47 ट्रेनें चलाने की योजना बनायी थी, जिनमें से 34 रवाना हो चुकी हैं। प्रत्येक ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेन में 24 डिब्बे हैं और उनमें 72 सीटें हैं, लेकिन सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए प्रत्येक डिब्बे में सिर्फ 54 लोगों को बैठने की अनुमति दी जा रही है।
इन ट्रेनों में मिडिल बर्थ (शयनयान की बीच वाली सीट) किसी को नहीं दी जा रही है। रेलवे ने अभी तक इन ट्रेनों के संचालन पर आए खर्च के बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया कि रेलवे प्रत्येक ट्रेन पर करीब 80 लाख रुपये खर्च कर रही है।
सरकार ने इस संबंध मे पहले कहा था कि इन ट्रेनों के संचालन में आने वाले खर्च का वहन केन्द्र और राज्य सरकारें 85:15 के अनुपात में करेंगी। ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा ट्रेनें गुजरात से रवाना हुई हैं, वहीं केरल दूसरे स्थान पर है। इन ट्रेनों में से सबसे ज्यादा का गंतव्य बिहार और उत्तर प्रदेश रहा है।
दूसरे राज्यों में फंसे 30 हजार लोगों को बंगाल वापस लाने के लिए चलेंगी विशेष ट्रेन : अधिकारी
पश्चिम बंगाल सरकार लॉकडाउन के कारण तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और पंजाब में फंसे 30 हजार से अधिक लोगों को राज्य वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था कर रही है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फंसे हुए लोग ज्यादातर प्रवासी श्रमिक, मरीज और उनके परिजन, छात्र, तीर्थयात्री और पश्चिम बंगाल के पर्यटक हैं।
अधिकारी ने कहा, "इस संबंध में अन्य राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है। सारे निर्णय लिए जा चुके हैं। हमारे नोडल अधिकारी मामले पर लगातार संज्ञान ले रहे हैं।" उन्होंने कहा कि चार राज्यों में कुल 31,224 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें से आधे से अधिक (17,000) तेलंगाना में हैं। अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लगभग 7,500 लोगों को लेकर आने वाली तीन ट्रेन शनिवार को कर्नाटक के बेंगलुरु से रवाना होकर रविवार और सोमवार को बांकुरा, पुरुलिया और न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पहुंचेंगी।
उन्होंने कहा कि लगभग 2,418 लोग दो ट्रेनों में सोमवार को तमिलनाडु के वेल्लोर से रवाना होकर मंगलवार को खड़गपुर और हावड़ा रेलवे स्टेशनों पर पहुंचेंगे। अधिकारी ने कहा कि पंजाब में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए दो ट्रेनों की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना में फंसे 17 हजार लोगों को राज्य लाने के लिए अगले सप्ताह ट्रेन चलाए जाने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के असहयोग के दावे का खंडन करते हुए शनिवार को कहा कि राज्य के बाहर फंसे लगभग 6,000 लोगों को वापस लाया जा चुका है और अन्य राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कर दी गई है।
शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासियों के वाहनों को राज्य में पहुंचने नहीं दे रही है जिससे फंसे हुए मजदूरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने कहा कि बंगाल में फंसे प्रवासी मजदूरों और राज्य के बाहर फंसे लोगों को घर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार पूरी कोशिश कर रही है।