कोरोना वायरसः सिक्किम में 1800 के दशक के बाद पहली बार खगयाड चाम नृत्य का आयोजन नहीं होगा
By भाषा | Updated: December 14, 2020 17:50 IST2020-12-14T17:50:12+5:302020-12-14T17:50:12+5:30

कोरोना वायरसः सिक्किम में 1800 के दशक के बाद पहली बार खगयाड चाम नृत्य का आयोजन नहीं होगा
गंगटोक, 14 दिसंबर सिक्किम में निनमापा और खगयु पंथ के बौद्ध मठ 1800 के दशक के बाद पहली बार कोविड-19 महामारी की वजह से खगयाड चाम नृत्य का आयोजन नहीं करेंगे। यह एक मुखौटा पहन कर किया जाने वाला पारंपरिक नृत्य है।
हर साल लूसूंग (नव वर्ष) के भूटिया उत्सव के दौरान राज्य की अलग अलग बौद्ध मठ मुखौटा नृत्य का आयोजन करती हैं। दुनियाभर के हजारों श्रद्धालु एवं सैलानी इन्हें देखने आते हैं।
गंगटोक की इनचे बौद्ध मठ के पूर्व प्रशासक नोरबू जी भूटिया ने बताया कि हर साल दस दिनों तक पूजा और नृत्य का आयोजन होता है, लेकिन इस साल आयोजन तीन दिन के होंगे। इस दौरान विश्व शांति और कोविड-19 महामारी से दुनिया की सुरक्षा के लिए गुरू थकमर पूजा होगी।
बौद्ध धर्म अनुयायी इनचे बौद्ध मठ को दुनिया के सबसे पवित्र स्थलों में से एक मानते हैं।
इस बौद्ध मठ के वर्तमान प्रमुख सोनम लामा ने कहा कि महामारी के मद्देनजर सरकार ने उत्सवों को सीमित रखने का सुझाव दिया है। इन उत्सवों में हर साल हजारों लोग भाग लेते हैं।
उन्होंने कहा कि इस साल मुखौटा नृत्य महामारी के कारण आयोजित नहीं किया जाएगा। यह सिक्किम की एक महत्वपूर्ण परंपरा है।
उन्होंने कहा, " श्रद्धालुओं में कुछ निराशा है लेकिन सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों को देखते हुए हमने यह फैसला किया है।
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