नई दिल्लीः कोरोना वायरस के खतरे को देखते दिल्ली के सभी स्कूल 31 मार्च तक बंद कर दिए गए। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी घोषणा की।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्राथमिकी विद्यालयों को 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया है। शिक्षा विभाग का कार्यभार संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी स्कूल, सहायता प्राप्त, निजी और निगम संचालित स्कूल बंद रहेंगे। सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘बच्चों के बीच कोविड-19 के प्रसार की आशंका के मद्देनजर एहतियातन सभी प्राथमिक विद्यालयों (सरकारी/सहायता प्राप्त/निजी/एमसीडी/एनडीएमसी) को 31 मार्च तक बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। ’’
सिसोदिया ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए दिल्ली के सभी प्राइमरी स्कूलों (सरकारी व प्राइवेट) को 31 मार्च तक के लिए बंद किया गया। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार के सभी ऑफिसों में बायॉमेट्रिक अटेंडेंस को अस्थायी रूप से सस्पेंड किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के गाजियाबाद में कोरोना वायरस का एक और मामला सामने आने के साथ देश में अब तक इससे प्रभावित लोगों की संख्या 30 हो गयी है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह मरीज अधेड़ उम्र का है और हाल में वह ईरान गया था।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को राज्यों से जिला, प्रखंड और ग्राम स्तरों पर त्वरित कार्रवाई टीम बनाने को कहा है । देश में अब तक कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या 30 हो गयी है। इसमें इटली के 16 पर्यटक भी शामिल हैं। कुल आंकड़ों में पिछले महीने केरल में शुरुआत में आए तीन मामले भी शामिल हैं ,जिन्हें ठीक होने के बाद पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है ।
वायरस से 2020 में एयरलाइंस को राजस्व में लग सकती है 113 अरब डॉलर की चपत : आईएटीए
अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) का कहना है कि नए कोरोनावायरस के प्रभाव से एयरलाइन उद्योग को 2020 में राजस्व में 113 अरब डॉलर की चपत लग सकती है। आईएटीए ने कहा कि यह वायरस एक महामारी के रूप में दुनियाभर में फैल रहा है जिससे एयरलाइन उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है।
आईएटीए के प्रमुख एलेक्जेंडर डी जूनियाक ने सिंगापुर में एक बैठक के बाद कहा कि कोविड-19 की वजह से घटनाक्रम इतनी तेजी से बदले हैं जिसका पहले कोई उदाहरण देखने को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि दो माह से भी कम समय में दुनिया भर में उद्योग के लिए संभावनाएं काफी खराब हुई हैं।