भारत में कोरोना मरीजों का आंकड़ा दो लाख के पार पहुंचा, 15 दिन में एक लाख नए मामले आए सामने, मृत्यु दर है 2.82 प्रतिशत
By भाषा | Published: June 3, 2020 05:23 AM2020-06-03T05:23:27+5:302020-06-03T05:23:27+5:30
महाराष्ट्र में कोविड-19 के 2287 नये मरीज सामने आने के बाद राज्य में मंगलवार को इस महामारी के मामले बढ़कर 72,300 हो गये जबकि 103 और मरीजों की मौत हो जाने के साथ ही इस बीमारी से अब तक 2465 लोगों की जान चली गयी।
नई दिल्लीः भारत भर में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या मंगलवार को दो लाख से अधिक हो गयी तथा पिछले 15 दिनों में करीब एक लाख लोग इस घातक वायरस से संक्रमित हुए हैं। हालांकि सरकार ने कहा कि इस रोग को काबू करने के उसके एहतियाती उपाय काफी प्रभावी रहे हैं क्योंकि कई अन्य देशों की तुलना में भारत में मृतकों की संख्या काफी कम है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोग के ठीक होने की दर भारत में सतत रूप से बेहतर हो रही है तथा वह इस महामारी से अपेक्षाकृत बेहतर ढंग से निबट पा रहा है।
चीन में पिछले दिसंबर में इस वायरस के प्रसार के साथ अभी तक विश्व भर में 63 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और 3.7 लाख से अधिक लोगों की इसके कारण जान जा चुकी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने सुबह के अपडेट में कहा कि नए कोरोना वायरस से भारत में मृतक संख्या बढ़कर 5598 हो गयी। सोमवार सुबह आठ बजे से अगले 24 घंटे के दौरान 204 लोगों की इसके कारण जान गयी है। इस अवधि में 8171 नये मामलों का पता चला जिससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 198706 पर पहुंच गयी। इसमें 97500 रोगियों का उपचार चल रहा है जबकि 95 हजार से अधिक रोगी इस संक्रमण से उबर चुके हैं।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो लाख के पार पहुंची
बहरहाल, विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा घोषित आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई तालिका के अनुसार मंगलवार रात दस बजकर पांच मिनट तक देश में कुल मामलों की संख्या बढ़कर दो लाख 321 हो गयी जबकि मृतक संख्या 5739 है। इस तालिका के अनुसार संक्रमण से उबरने वाले लोगों की संख्या 99 हजार 613 जबकि उपचाररत लोगों की संख्या 95 हजार है।
15 दिनों के भीतर एक लाख से अधिक मामले आए सामने
जांस हाप्किंस यूनिवर्सिटी एंड मेडिसिन के वैश्विक ग्लोबल वायरस ट्रैकर की तालिका के अनुसार भारत में रात सवा दस बजे तक कुल मामलों की संख्या दो लाख एक हजार 997 थी। भारत में कोरोना वायरस के पहले मरीज का पता 30 जनवरी को लगा था जबकि एक लाख मरीज की संख्या पहुंचने में 110 दिन लगे और यह संख्या 18 मई तक पहुंची। बहरहाल, अगले करीब एक लाख मरीजों की संख्या महज 15 दिनों के भीतर ही बढ़ गयी। सकारात्मक पक्ष देखें तो सात दिन में पहली बार ऐसा हुआ कि नये मामलों की संख्या में कमी है जबकि मृतक संख्या भी नीचे आयी है।
देश में औसतन 1.2 लाख नमूनों का प्रति दिन हो रहा परीक्षण
सोमवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय ने मृतक संख्या 230 बतायी थी जो 30 मई की सुबह 265 लोगों की मृतक संख्या के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। भारत में हाल के समय में परीक्षण सुविधाओं में भी खासा इजाफा हुआ है। अब औसतन 1.2 लाख नमूनों का प्रति दिन परीक्षण किया जा रहा है। भारत में अभी तक 40 लाख नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है। परीक्षण के लिहाज से देखें तो विश्व में देश का नाम शीर्ष पांच राष्ट्रों में शामिल हैं। इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और स्पेन भी शामिल हैं। किंतु यदि प्रति एक लाख व्यक्ति पर नमूनों का अनुपात लिया जाए तो भारत शीर्ष 100 देशों में कहीं पर नहीं आता।
विश्व में सातवां कोरोना से बुरी तरह प्रभावित राष्ट्र बना भारत
भारत, कुल मामलों की दृष्टि से इस समय विश्व में सातवां बुरी तरह प्रभावित राष्ट्र बन गया है। इस सूची में क्रमश: अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन और स्पेन भारत से ऊपर हैं। अमेरिका में इसके 18 लाख, ब्राजील में पांच लाख, रूस में चार लाख, ब्रिटेन में 2.8 लाख, स्पेन में 2.4 लाख और इटली में 2.3 लाख से अधिक मामले हैं। इस संक्रमण के कारण होने वाली मौतों के मामले में अमेरिका 1.05 लाख मृतक संख्या के साथ शीर्ष पर है। भारत इस मामलें में दस शीर्ष देशों में कही नहीं है। उपचाररत मामलों की संख्या में भारत का स्थान शीर्ष पांच देशों में आ गया है। अमेरिका इस सूची में 11 लाख उपचाररत मरीजों के साथ शीर्ष पर है।
भारत कोविड-19 के चरम पर पहुंचने से अभी काफी दूर
सरकार ने कहा कि भारत कोविड-19 के चरम पर पहुंचने से अभी काफी दूर है तथा उसके एहतियाती उपाय काफी प्रभावी रहे हैं तथा उसने अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति को काफी बेहतर बनाये रखा है। कोविड-19 के बारे में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मामलों की कुल संख्या तथा विश्व में मामलों की संख्या के चलते इसके सातवें स्थान पर पहुंचने की दृष्टि से ही भारत को देखना गलत होगा क्योंकि देशों की आबादी को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 14 ऐसे देश, जिनकी कुल आबादी भारत के बराबर है, ने 55.2 गुना अधिक रोगियों की मौत की जानकारी दी है।
भारत में कोविड-19 की मृत्यु दर 2.82 प्रतिशत है
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारी कोविड-19 की मृत्यु दर 2.82 प्रतिशत है जो वैश्विक स्तर पर 6.13 प्रतिशत की मृत्यु दर की तुलना में सबसे कम दरों में है। हम इसे इस कारण हासिल कर पाये क्योंकि मामलों की समय रहते पहचान की गयी और उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधा दी गयी।’’ उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 मामलों में मृतक संख्या दर प्रति एक लाख की आबादी पर 0.14 प्रतिशत है जबकि वैश्विक स्तर पर यह 4.9 प्रतिशत है। उन्होंने यह विश्व में सबसे कम है।
महाराष्ट्र में कोरोना के 2287 नये मरीज आए सामने
इस बीच, महाराष्ट्र में कोविड-19 के 2287 नये मरीज सामने आने के बाद राज्य में मंगलवार को इस महामारी के मामले बढ़कर 72,300 हो गये जबकि 103 और मरीजों की मौत हो जाने के साथ ही इस बीमारी से अब तक 2465 लोगों की जान चली गयी। इन 103 मरीजों में 49 इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित मुम्बई के थे। अमरावती जिले में एक चार महीने की बच्ची में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में यह जानकारी दी। उसके अनुसार मंगलवार को 1225 मरीजों को छुट्टी दी गयी जिससे अबतक अबतक 31,333 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
दिल्ली में एलजी 13 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकले
उधर, दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल के दफ्तर के 13 कर्मचारी और छह अन्य सरकारी कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि एलजी सचिवालय में काम करने वाले कनिष्ठ सहायक, चालक, चपरासी समेत 13 कर्मी जानलेवा कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजी और सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए खाली बिस्तरों (बेड) की जानकारी देने के वास्ते मंगलवार को ‘दिल्ली कोरोना’ ऐप शुरू किया।
पीएम मोदी ने कहा- भारत अपनी आर्थिक वृद्धि को वापस हासिल करेगा
वहीं, तमाम एजेंसियों द्वारा चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट के अनुमान व्यक्त किये जाने के विपरीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश की क्षमता, संकट प्रबंधन कौशल, किसानों और उद्यमियों पर भरोसा जताते हुये कहा कि भारत अपनी आर्थिक वृद्धि को वापस हासिल कर लेगा। मोदी यहां देश के प्रमुख उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ के 125वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सुधारों की गति बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को पुराने कानूनों की बंदिशों से मुक्त कर खोलने की दिशा में बढ़ने का भी जिक्र किया तथा कहा कि सरकार की ओर से उठाए जा रहे सुधारवादी कदमों का अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ होगा। मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता मे से एक है। सरकार जो फैसले तुरंत लिये जाने हैं वह ले रही है इसके साथ ही ऐसे भी निर्णय लिये गये हैं जो कि लंबे समय में देश की मदद करेंगे। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुये सरंचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने के साथ ही कृषि क्षेत्र के सुधारों के बारे में भी बताया।